3 साल में निवेशकों की पूंजी 47 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
नई दिल्लीः बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की जीत के तीन सालों के दौरान बांबे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई पर निवेशकों की पूंजी यानी मार्केट कैपिटलाइजेशन 47 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बढ़ गयी. 16 मई 2014 को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे जिसमें एनडीए को 336 सीट मिली थी जिसमें अकेले बीजेपी के खाते में 282 सीटें आयी थी.
इस बीच जीत के जश्न के ठीक तीसरे साल के दिन शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 260 प्वाइंट की उछाल के साथ 30582 पर बंद हुआ, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 67 प्वाउंट ऊपर 9512 पर बंद हुआ. बाजार में तेजी का हाल ये था कि 100 से भी ज्यादा शेयर 52 हफ्तों के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए. इन शेयरों में मुख्य रुप से मारुति सुजुकी, इंडियन ऑयल, मदरसन सुमी, मूथुट कैपिटल, टीवीएस इंडिया, सागर सीमेंट्स वगैरह शामिल है. मारुति सुजुकी तो अब तक के सबसे ऊचे स्तर पर पहुंच गया है.
जानकारों की माने तो कंपनियों के वित्तीय नतीजों मे हो रहे सुधार, बेहतर मानसून, सुधार प्रक्रिया मे तेजी और दुनिया भर में नकदी की बेहतर होती स्थिति से शेयर बाजार को हवा मिली है और अगले कुछ दिनों तक ये तेजी बने रहने की उम्मीद है. कुछ जानकार ये भी कह रहे हैं कि इस तेजी के माहौल में छोटे निवेशकों को नए निवेश से बचना चाहिए, क्योकि कीमतें काफी ऊंची चल रही है. हां, पुराने निवेश पर मुनाफावसूली करने का मौका जरुर बन रहा है. ध्यान रहे कि आम तौर पर तेजी के माहौल में लोग निवेश करते हैं और मंदी के समय पैसा निकाल लेते हैं. इससे निवेशकों के हाथ जलने का खतरा ज्यादा होता है.
जानकारों की सलाह है कि इस समय आईटी सेक्टर से दूर रहना ही बेहतर होगा, क्योंकि वहां ज्यादा ही अनिश्चितता दिख रही है. दूसरी ओर बैंकिंग, ऑटो, एफएमसीजी, आईटी, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑयल एंड गैस, कैपिटल गुड्स और पावर कंपनियों के शेयरों में उत्साह का माहौल कायम है.
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