(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SEBI Extended Last Date: म्युचुअल फंड और डीमैट अकाउंट वालों को बड़ी राहत, अब 31 दिसंबर नहीं होगी नॉमिनी बताने की आखिरी तारीख
Sebi Circular: सेबी ने निवेशकों की दिक्कतों को देखते हुए एक बार फिर से नॉमिनेशन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. इससे पहले सितंबर में इसे तीन महीने बढ़ाया गया था.
Sebi Circular: बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड (Mutual Fund) और डीमैट अकाउंट (Demat Account) में नॉमिनेशन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. फिलहाल नॉमिनी बताने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर थी. अब लोगों को इस काम को पूरा करने के लिए छह महीने का समय और दे दिया गया है. अब नॉमिनी बताने की आखिरी तारीख 30 जून, 2024 कर दी गई है.
अब 30 जून, 2024 हुई नई डेडलाइन
सेबी के नियमों के मुताबिक, 30 जून, 2024 तक म्युचुअल फंड और डीमैट अकाउंट चलाने वाले निवेशकों को या तो नॉमिनेशन फाइल करना होगा या फिर वो नॉमिनी न बताने का विकल्प भी चुन सकते हैं. अभी तक इस काम के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था. मगर, बड़ी संख्या में लोग अभी तक नॉमिनी नहीं भर पाए थे. इसलिए बाजार नियामक सेबी ने इस डेडलाइन को 6 महीना और खिसका दिया है.
सेबी ने जारी किया सर्कुलर
सेबी ने 27 दिसंबर को एक सर्कुलर जारी कर इस निर्णय की जानकारी दी. इसके तहत नॉमिनी न बताने वालों को एक शपथ पत्र देना होगा. इसमें सेबी ने कहा कि शेयर मार्केट में निवेश करने वालों और अन्य लोगों से मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए अंतिम तिथि बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
पहले 30 सितंबर फिर 31 दिसंबर हुई थी तारीख
अंतिम तिथि बढ़ाने का फैसला पहली बार नहीं हुआ है. कुछ महीनों पहले तक अंतिम तिथि 30 सितंबर थी. मगर, सेबी ने इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया था. उस समय तक काफी निवेशक नॉमिनी फाइल करने के काम को पूरा नहीं कर पाए थे.
डेडलाइन नहीं बढ़ती तो मुश्किल में फंस जाते निवेशक
यदि डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाती तो निवेशकों को अपने म्युचुअल फंड पोर्टफोलिओ और डीमैट अकाउंट चलाने में दिक्कत आ जाती. इन पोर्टफोलियो और अकाउंट से पैसा भी नहीं निकल पाता.
सितंबर अंत तक लगभग 25 लाख लोग नहीं कर पाए थे नॉमिनेशन
रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट (RTA) कैम्स (CAMS) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर अंत तक लगभग 25 लाख पैन कार्ड धारक नॉमिनी अपडेट नहीं कर पाए थे. अभी दिसंबर का डाटा प्राप्त नहीं हो पाया है. नॉमिनी बताने की प्रक्रिया को आवश्यक करने से निवेशक मृत्यु के बाद होने वाले विवादों पर रोकथाम लग जाएगी. साथ ही उसके अकाउंट को ट्रांसफर या बंद करना भी बहुत आसान हो जाएगा.
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