Latent View IPO: लैटेंट व्यू एनालिटिक्स (Latent View Analytics) के आईपीओ (IPO) को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है. कंपनी के 1.75 करोड़ इक्विटी शेयर के बदले में उसे 572.18 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोली मिली है. इस तरह से आंकड़े बता रहे हैं कि लैटेंट व्यू के आईपीओ को रिकॉर्ड 326.49 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला है.


रिटेल निवेशकों ने इस आईपीओ में ताबड़तोड़ दिलचस्पी दिखाई और उनके हिस्से के लिए आरक्षित कैटेगरी में 119.44 गुना अधिक बोली देखने को मिली. आईपीओ में एक हिस्सा कंपनी के कर्मचारियों के लिए भी रिजर्व रखा गया है. उस हिस्से में 3.87 गुना अधिक बोली लगाई गई है.


ऐसे बढ़ा सब्सक्रिप्शन


क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QIB) के रिजर्व कुल हिस्से को 145.8 गुना अधिक सब्सक्राइब किया गया. वहीं जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स ने अपने हिस्से के लिए आरक्षित शेयर की 850.66 गुना अधिक बोली लगाई. इस तरह Latent View Analytics के आईपीओ को कुल 326.49 गुना अधिक सब्सक्राइब किया गया है.


Latent View Analytics का आईपीओ बुधवार यानि 10 नवबंर को बोली के लिए खुला था. कंपनी ने आईपीओ के लिए 190-197 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है. इस प्राइस बैंड को कई एनालिस्ट वाजिब बता रहे हैं. अधिकतर ब्रोकरेज ने इस आईपीओ को सब्सक्राइब करने की सलाह दी थी.


ग्रे मार्केट प्राइस


एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रे मार्केट में Latent View Analytics के शेयर करीब 500 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है. यह आईपीओ के लिए तय ऊपरी प्राइस बैंड से करीब 300 रुपये अधिक है. इसे देखते हुए कई निवेशक 100 पर्सेंट से ज्यादा की लिस्टिंग गेन की उम्मीद कर रहे हैं.


Latent View Analytics अपने IPO से 600 करोड़ रुपए जुटाने वाली है. इस इश्यू में 474 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू और 126 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा. इस ऑफर फॉर सेल में कंपनी के प्रमोटर Adugudi Viswanathan Venkatraman अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. इसके अलावा गोपीनाथ कोटीश्वरन, रमेश हरिहरन, शुभ्रमण्यम रामचंद्रन, दिव्या बालकृष्णन, राजकुमार कलिया पेरूमल, रियाबालकृष्णन और नवीन लोगनाथन जैसे दूसरे प्रमोटर और शेयर होल्डर अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे.


कंपनी का कारोबार?


Latent View का ज्यादातर काम कस्टमर एनालिटिक्स से जुड़ा हुआ है. हालांकि ग्लोबल कस्टमर एनालिटिक्स का मार्केट कुल एनालिटिक्स खर्च का सिर्फ 9% है, लेकिन 2020-2024 के दौरान यह 26% CAGR से बढ़ने की उम्मीद है.


इसकी ज्यादातर कमाई अमेरिका से होती है. कंपनी की इनकम में अमेरिकी हिस्सेदारी 92.88% है, जबकि कंपनी के आय में UK कारोबार की हिस्सेदारी 1.85 फीसदी है. वित्त वर्ष 2021 में कंपनी के कंसोलिडेट मुनाफे में 25.6 फीसदी की बढोत्तरी देखने को मिली थी और यह 91.46 करोड़ रुपये रही. हालांकि इसी अवधि में कपनी की आय 1.4 फीसदी घटी थी और यह 305.88 करोड़ रुपये पर रही थी.


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