(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Latent View Analytics IPO Listing: बंपर लिस्टिंग गेन के साथ लेटेंट व्यू के शेयर हुए लिस्ट, जानिए कितना मिला फायदा
Latent View Analytics IPO Listing: लेटेंट व्यू के शेयरों ने आज लिस्टिंग के साथ ही अपने निवेशकों को बंपर मुनाफा दे दिया. जानें आईपीओ प्राइस के मुकाबले इसके शेयर कितने पर लिस्ट हुए हैं.
Latent View IPO Listing: डेटा एनालिटिक्स सर्विस प्रोवाइडर कंपनी लेटेंट व्यू के शेयरों का आगाज वैसा ही रहा जैसी उम्मीद थी. इसके शेयरों की लिस्टिंग 169 फीसदी के बंपर प्रीमियम के साथ हुई जिसने निवेशकों को खुश कर दिया. इसके इश्यू प्राइस 190 रुपये से 197 रुपये के बीच था. इनके मुकाबले लेटेंट व्यू के शेयर एनएसई और बीएसई दोनों पर 500 रुपये से ज्यादा पर लिस्ट हुए. इसका सीधा मतलब है कि अपनी एंट्री के दिन ही ये शेयर डबल से ज्यादा हो गया है.
लेटेंट व्यू के शेयर बीएसई पर 530 रुपये पर और एनएसई पर 512.20 रुपये पर लिस्ट हुए जो इसके इश्यू प्राइस के मुकाबले बंपर लिस्टिंग रही. हाल ही में लिस्ट हुए पेटीएम के शेयरों ने जिस तरह निवेशकों को मायूस कर दिया था उसको देखते हुए आज लेटेंट व्यू के शेयरों की लिस्टिंग ने इसके निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम किया.
अब तक का सबसे ज्यादा सब्सक्राइब होने वाला आईपीओ
Latent View ने इश्यू के समय ही एक रिकॉर्ड बना लिया था और ये 326.49 गुना भरने के साथ अब तक का सबसे ज्यादा सब्सक्राइब होने वाला इश्यू हो गया था. इसमें रिटेल निवेशकों का हिस्सा 112 फीसदी भरा था और 10 से 12 नवंबर के बीच खुले इस आईपीओ का ग्रे मार्केट में प्राइस भी 360 रुपये से 370 रुपये प्रीमियम पर चल रहा था.
Latent view Analytics के बारे में जानें
Latent view Analytics की रजिस्ट्रार कंपनी लिंक इनटाइम प्राइवेट लिमिटेड है. इस कंपनी का आईपीओ 600 करोड़ रुपये का था और आईपीओ का प्राइस बैंड 190-197 रुपये पर था. इश्यू 10 नवंबर से 12 नवंबर के बीच खुला था.
क्या कहना है लेटेंट व्यू आईपीओ के मैनेजमेंट का
एक आर्थिक समाचार चैनल पर लेटेंट व्यू एनालिटिक्स के मैनेजमेंट ने कहा कि उनकी कंपनी का रेवेन्यू मिक्स काफी ज्यादा अमेरिका से आता है और वहां लॉकडाउन का असर काफी कम होने से कंपनी को भरपूर ऑर्डर मिल रहे हैं. कंपनी के मुनाफे में पिछले तीन सालों में काफी अच्छी ग्रोथ देखी गई है और इसका PAT देखें तो वित्त वर्ष 2019 में जहां 60 करोड़ रुपये था वहीं वित्त वर्ष 2020 में 73 करोड़ हो गया और वित्त वर्ष 2021 में 91 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
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