Lay Off News: तकनीकी और स्टार्टअप क्षेत्र में आर्थिक मंदी के कारण 2022 में अमेरिका में इस क्षेत्र के 22,000 से अधिक कर्मचारियों की नौकरी चली गई है, साथ ही भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में 12,000 से अधिक श्रमिकों की नौकरियां चली गई हैं. क्रंचबेस के अनुसार स्टार्टअप अब कहते हैं कि इस उदास माहौल में नई फंडिंग जुटाना ज्यादा मुश्किल है. वो स्टार्टअप जो विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान उछाल से फायदा उठाने में सक्षम हुए हैं, अब वे दबाव महसूस कर रहे हैं. 


नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों ने भी की छंटनी
वैश्विक स्तर पर, नेटफ्लिक्स, वित्तीय सेवा कंपनी रॉबिनहुड और कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या को कम कर दिया है.


क्रिप्टो की दुनिया में भी छंटनी का दौर
क्रिप्टो की दुनिया में आर्थिक हेडविंड के चलते क्रिप्टो एक्सचेंजों और कॉइनबेस, जेमिनी, क्रिप्टो डॉट कॉम, वॉल्ड, बायबिट, बिटपांडा और अन्य सहित फर्मो ने अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने की घोषणा की.


पोकेमॉन, टेस्ला ने भी की छंटनी
पोकेमॉन गो गेम डेवलपर नियांटिक ने अपने आठ फीसदी कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने के लिए कहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये लगभग 85-90 लोग हैं. एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने अपने वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या में 10 फीसदी की कटौती की है.


भारत में हो सकता है 60,000 नौकरियों को नुकसान
जैसा कि भारत में स्टार्टअप 'फंडिंग विंटर' के माध्यम से नेविगेट करने के लिए अपने कर्मचारियों को निकाल देते हैं, देश में अकेले 2022 में एडटेक और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के नेतृत्व में 60,000 से अधिक नौकरियों का नुकसान हो सकता है.


देश में इन कंपनियों ने की भारी संख्या में छंटनी
ओला, ब्लिंकिट, बायजूस, अनएकडेमी, वेदांतु, कार्स24, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल), लीडो लर्निग, एमफाइन, ट्रेल, फारआई, फुरलानको और अन्य जैसी कंपनियों ने लगभग 12,000 स्टार्टअप कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है. यहां तक कि कई यूनिकॉर्न ने भी ओला, अनएकेडमी, वेदांतु, कार्स24 और मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) जैसे कर्मचारियों की छंटनी की है.


क्या कहते हैं जानकार
उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि 'रीस्ट्रक्चरिंग और कॉस्ट कटिंग' के नाम पर इस साल अकेले कम से कम 50,000 और स्टार्टअप कर्मचारियों को बाहर किए जाने की संभावना है, जबकि कुछ स्टार्टअप को लाखों की धनराशि प्राप्त होती रहती है.


ये भी पढ़ें


Petrol Diesel Rate: कच्चे तेल के दाम में गिरावट, क्या देश में कम हुए पेट्रोल डीजल के दाम, जानें