नई दिल्ली: हाल में आईटी सेक्टर में इन्फोसिस, कॉग्निजेंट, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हो रही है. विशेषज्ञों की मानें तो आईटी कंपनियों में कर्मचारियों की बाहर करने का यह सिलसिला अभी 1-2 साल और जारी रहेगा. माना जा रहा है कि नई टेक्नोलॉजी के अनुरूप खुद को तैयार न होने के चलते भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हर साल करीब 2 लाख इंजीनियरों की सालाना छंटनी करने की तैयारी है. हर साल करीब 2 लाख आईटी प्रोफेशनल्स की सालाना छंटनी करने की खबर आईटी एंप्लाइज को चिंता में डाल सकती है.
ये हैं आईटी सेक्टर में छंटनी की बड़ी वजह !
- नए ट्रेंड के मुताबिक परफॉर्मेंस के आकलन की प्रक्रिया के तहत हजारों की संख्या में कर्मचारियों को ‘पिंक स्लिप’ थमाई जा रही है यानी उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है.
- जानकारों का कहना है कि आईटी सेक्टर में डिजिटलीकरण और ऑटोमेशन एक नई सामान्य सी बात हो गई है जिसके चलते छंटनी हो रही हैं.
- हालांकि माना जा रहा है कि यह कॉस्ट कंटिंग या कॉस्ट कंट्रोल का हिस्सा है.
बताया जा रहा है कि टार्गेटेड मार्केट में संरक्षणवादी कदमों से कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ रहा है. - अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में कड़े वर्क परमिट सिस्टम की वजह से भारतीय साफ्टवेयर एक्सपोर्टर्स पर खासतौर से असर पड़ा है.
- आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) में नई प्रौद्योगिकी, रोबोटिक प्रक्रिया आटोमेशन और क्लाउड कंप्यूटिंग की वजह से कंपनियों अब कई तरह के काम कम वर्कफोर्स से कर सकती हैं. इसकी वजह से साफ्टवेयर कंपनियों को अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करना पड़ रहा है.
टीमलीज सर्विसेज की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और को-फाउंडर रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘यह ऐसी स्थिति है जबकि उपलब्ध प्रतिभाएं समय के हिसाब में खुद में बदलाव नहीं ला पाईं. इस वजह से कई कर्मचारी आज बेकार हो गए हैं.
ह्यूमन रिसोर्स सेक्टर से जुड़ी कंपनी हेड हंटर्स इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के. लक्ष्मीकांत के मुताबिक अभी शुरुआती तौर पर यह खबर आई है कि हर साल 56,000 आईटी प्रोफेशनल्स की छंटनी होगी. जबकि नई तकनीक के मुताबिक खुद को ढालने में आधी अधूरी तैयारी के चलते 3 साल तक हर साल वास्तव में 1.75 से 2 लाख आईटी पेशेवरों की छंटनी हो सकती है.
आईटी इंडस्ट्री में काम करने वाले पेशेवरों की संख्या 39 लाख
मैककिंसे एंड कंपनी के डायरेक्टर नोशिर काका ने भी कहा था कि आईटी इंड्स्ट्री के सामने 50-60 फीसदी कर्मचारी को फिर से ट्रेनिंग देने की बड़ी चुनौती होगी. इसके पीछे मुख्य वजह टेक्नोलॉजी में होने वाले बड़े बदलाव को बताया. रिपोर्ट के मुताबिक आईटी इंडस्ट्री में काम करने वाले पेशेवरों की संख्या 39 लाख है और इतने बडे पैमाने पर नई टेक्नोलॉजी पर काम करने की जरूरत होगी.