Layoffs in 2024: जॉब मार्केट में हड़कंप! 24 घंटे में 3 दिग्गज कंपनियों ने किया छंटनी का ऐलान, क्या है कारण?
Job Cut Wave 2024: छंटनी के लिहाज से तो यह साल शुरू से ही खराब साबित हुआ है, लेकिन बीते 24 घंटे के दौरान एक के बाद एक तीन दिग्गज कंपनियों ने छंटनी का ऐलान कर सबको हैरान कर दिया है...
Layoffs in 2024: साल 2024 के समाप्त होने में अब सिर्फ साढ़े तीन महीने का समय बचा है, लेकिन रोजगार के बाजार में बुरी खबरों का सिलसिला थम नहीं रहा है. बीते 24 घंटे तो और भी हैरान करने वाले रहे हैं. देखते-देखते दुनिया की तीन नामी कंपनियों ने हजारों लोगों को काम से निकालने का ऐलान कर दिया. उनमें से एक कंपनी की गिनती तो दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में दूसरे नंबर पर की जाती है. आइए जानते हैं कि क्यों बड़ी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को काम से बाहर करने पर मजबूर हो रही हैं...
2024 में तीसरी बार माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी
सबसे पहले दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट की बात. टेक जगत की इस दिग्गज कंपनी ने इस साल तीसरी छंटनी का ऐलान किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट एक्सबॉक्स से छंटनी करने की तैयारी में है. कंपनी अपने गेमिंग डिवीजन एक्सबॉक्स से 600 कर्मचारियों के काम से निकालने जा रही है. इस छंटनी में कॉरपोरेट और सपोर्टिंग स्टाफ प्रभावित हो रहे हैं. इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी में एक्टिविजन ब्लिजार्ड के कर्मचारियों की छंटनी की थी. एक्सबॉक्स में इस साल इससे पहले भी 1,900 कर्मचारियों को निकाला गया था.
सैमसंग के 30 फीसदी कर्मचारियों की जाएगी नौकरी
टेक जगत की एक अन्य दिग्गज कंपनी सैगसंग ने भी छंटनी का ऐलान किया है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स अपने वैश्विक कारोबार में से 30 फीसदी स्टाफ की छंटनी कर रही है. दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े कॉरपोरेट समूह ने दुनिया भर की अपनी सब्सिडरी कंपनियों को सेल्स और मार्केटिंग स्टाफ में करीब 15 फीसदी, जबकि एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ में 30 फीसदी तक कटौती करने के लिए कहा है. इसका असर सैमसंग के भारतीय कर्मचारियों के ऊपर भी हो रहा है. कंपनी भारत में 200 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है.
2009 के बाद पीडब्ल्यूसी में हो रही पहली छंटनी
छंटनी की तसरी बुरी खबर आई है दुनिया की सबसे नामी ऑडिट कंपनियों में एक पीडब्ल्यूसी यानी प्राइस वाटरहाउस कूपर से. पीडब्ल्यूसी साल 2009 के बाद पहली बार कर्मचारियों में इस तरह कटौती करने जा रही है, जिसका असर यूनाइटेड स्टेट रीजन के लगभग 18 सौ कर्मचारियों के ऊपर पड़ने वाला है. छंटनी में कंपनी के अमेरिकी वर्कफोर्स के करीब 2.5 फीसदी हिस्से पर असर पड़ेगा. निकाले जा रहे कर्मचारियों में मैनेजिंग डायरेक्टर्स के एसोसिएट से बिजनेस सर्विस, ऑडिट व टैक्स डिपार्टमेंट तक में काम करने वाले लोग शामिल हैं.
तीनों कंपनियों ने छंटनी के लिए बताया ये कारण
छंटनी की वजह की बात करें तो तीनों दिग्गज कंपनियों ने अलग-अलग कारणों का हवाला दिया है. 3 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की वैल्यू के साथ एप्पल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि वह एक्टिविजन ब्लिजार्ड के अधिग्रहण के बाद गेमिंग यूनिट माइक्रोसॉफ्ट गेमिंग को रिस्ट्रक्चर कर रही है. उसी के कारण छंटनी की जा रही है. वहीं सैमसंग का कहना है कि यह रूटीन छंटनी है और इसका उद्देश्य एफिशिएंसी को बेहतर बनाना है. पीडब्ल्यूसी ने बताया है कि वह बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने और भविष्य के लिए तैयार रहने के चलते छंटनी कर रही है.
नई तकनीक और तेज प्रतिस्पर्धा मुख्य कारण
हालांकि छंटनी की वजहें इतनी साफ व सरल हैं नहीं. एनालिस्ट कहते हैं कि तेजी से बदल रही तकनीक से हालात डायनेमिक हो गए हैं. नई कंपनियों के बिजनेस पर असर डाल रही हैं. एआई और मशीन लर्निंग जैसे टेक ने कई काम के लिए लोगों की अहमियत कम की है. पहले जिस काम को करने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत थी, ऑटोमेशन ने चंद लोगों से उतना काम कराना संभव किया है. बाजार में भारी प्रतिस्पर्धा छंटनी का एक अन्य प्रमुख कारण है. माइक्रोसॉफ्ट गेमिंग से पहले सोनी ने भी गेमिंग स्टाफ की छंटनी की थी. सैमसंग के बारे में ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे श्याओमी और वीवो जैसी चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के चलते मार्केट शेयर का नुकसान हो रहा है. ऑडिट सेगमेंट में पीडब्ल्यूसी भले ही लंबे समय से छंटनी को टाल रही थी, लेकिन बिग-4 में उसके साथ गिनी जाने वाली ईवाई, केपीएमजी, डेलॉइट जैसी कंपनियां पहले ही कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं.
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