भारत में युवाओं की बड़ी आबादी के बीच बेरोजगारी अहम समस्या है. इस बीच एक ऐसा ट्रेंड सामने आया है, जो विशेषज्ञों से लेकर नीति नियंताओं को चिंता में डाल सकता है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में हजारों लोग छंटनी के शिकार हो गए और हैरानी की बात है कि छंटनी करने वालों में रिलायंस से लेकर टाटा तक कई दिग्गजों के नाम हैं.


छंटनी करने वाली कंपनियों में इनके नाम


ईटी की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान अकेले रिटेल सेक्टर में 52 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं. छंटनी करने वाली कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिलायंस रिटेल, टाटा समूह की टाइटन, रेमंड, पेज इंडस्ट्रीज, स्पेन्सर जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं. इन रिटेल कंपनियों की सालाना  रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्होंने बीते वित्त वर्ष के दौरान अपने वर्कफोर्स में लगभग 52 हजार की भारी-भरकम कटौती की.


अकेले रिलायंस रिटेल में 38 हजार की छंटनी


कर्मचारियों के हिसाब से देखें तो रिलायंस रिटेल घरेलू खुदरा बाजार की सबसे बड़ी कंपनी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की साला रिपोर्ट के अनुसार, उसके रिटेल सेक्टर में कर्मचारियों की कुल संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में कम होकर 2,07,552 पर आ गई, जो उसके कुल कर्मचारियों के लगभग 60 फीसदी के बराबर है. एक साल पहले रिटेल सेक्टर में 2,45,581 कर्मचारी काम कर रहे थे. यानी बीते वित्त वर्ष के दौरान रिलायंस रिटेल में लगभग 38 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं.


टाइटन में भी कर्मचारियों में हुई कटौती


इसी तरह पिछले वित्त वर्ष के दौरान टाइटन के कर्मचारियों की संख्या में 8,569 की कमी आई और आंकड़ा 17,535 पर आ गया. पेज इंडस्ट्रीज में काम करे लोगों की संख्या 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 22,564 पर आ गई, जो साल भर पहले से 4,217 कम है. रिलायंस रिटेल, टाइटन, पेज, रेमंड और स्पेन्सर में सम्मिलित कर्मचारियों की संख्या में कमी का आंकड़ा मिलाकर 52 हजार पर पहुंच जाता है.


इन रिटेल कंपनियों ने बढ़ाया वर्कफोर्स


हालांकि दूसरी ओर रिटेल सेक्टर में कई कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या में इजाफा भी हुआ है. टाटा समूह के ट्रेंट में कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में 19,716 थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 29,275 पर पहुंच गई. इसी तरह डी मार्ट के कर्मचारियों की संख्या 60,901 से बढ़कर 73,932 हो गई. वीमार्ट का वर्कफोर्स 9,333 से बढ़कर 10,935 पर पहुंच गया. इसी तरह जुबिलेंट का वर्कफोर्स 32,752 से बढ़कर 34,120 पर पहुंच गया.


रिलायंस इंडस्ट्रीज में कुल 42 हजार की छंटनी


कुछ दिनों पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज को लेकर खबरें आई थीं कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 में अपने कर्मचारियों की कुल संख्या में 42 हजार की कटौती की है. शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल ने उस खबर को शेयर किया था, जिससे उसकी चर्चा होने लग गई थी. रिलायंस इंडस्ट्रीज में रिटेल के अलावा रिलायंस जियो में भी बड़ी छंटनी हुई थी. जियो में कर्मचारियों की संख्या 95,326 से कम होकर वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में 90,067 पर आ गई है.


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