आपके माता-पिता की उम्र अगर 60 वर्ष से अधिक है तो आपको माता पिता के लिए जल्द से जल्द एक अलग से हेल्थ इंश्योरेंस लेनी चाहिए. आप अगर ग्रुप इंश्योरेंस में सभी लोगों को कवर करते हैं तो हो सकता है कि किसी एक व्यक्ति के बीमार पड़ने पर पहली बार में ही इतना पैसा लग जाए कि उसी पॉलिसी ईयर में दूसरा क्लेम करने पर इंश्योरेंस की राशि पर्याप्त न हो.


यह ध्यान रखें कि सीनियर सिटीजन के लिए ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अनिवार्य को-पे जैसी कुछ सीमाओं के साथ आती हैं. गौरतलब है कि अनिवार्य को-पे में बीमाधारक को अस्पताल के बिल के एक भाग का भुगतान करना होता है. इसके अलावा आम लोगों की तुलना में सीनियर सिटीजंस के लिए वेटिंग पीरियड ज्यादा होता है.


जितनी जल्दी हो सके इंश्योरेंस लें
माता-पिता के जल्द से जल्द एक अलग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए.  अगर आप  माता-पिता के लिए 60 साल से पहले एक व्यक्तिगत हेल्थ कवर लेते हैं, तो पूरी जिंदगी के लिए को-पेमेंट क्लॉज का कोई बोझ नहीं होगा. वेटिंग पीरियड भी निश्चित समयावधि में रहेगा.


को पेमेंट
को पेमेंट फीचर की अच्छी से जांच कर लेनी चाहिए. को-पेमेंट का मतलब होता है कि क्लेम का एक हिस्सा आप भरेंगे, जबकि एक कंपनी. क्योंकि को पेमेंट में आपका हिस्सा पहले से तय होता है. यह विकल्प लेने से प्रीमियम कम हो जाता है. वैसे सभी प्लान में को-पेमेंट फीचर हो, यह जरूरी नहीं है. लेकिन सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में यह जरूरी फीचर हो सकता है.


इन बातों का रखें ध्यान




  • अगर आपके माता-पिता को पहले से कुछ बीमारियां है तो ऐसे में भी उनके लिए अलग बीमा पॉलिसी खरीदना सही रहेगा.

  • यह ध्यान रखें कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पहले से मौजूद बीमारियों को कवर तो करती हैं लेकिन इन्हें 36 महीने बाद कवर किया जाता है.

  • पॉलिसी खरीदते वक्त ही पहले से मौजूद बीमारियों के बारे में बता देने से क्लेम सेटलमेंट में दिक्कत नहीं आती है.

  • कवर की राशि भी उनकी स्वास्थ्य जरूरतों को देखते हुए पर्याप्त होनी चाहिए.

  • माता-पिता के लिए ऐसा प्लान लें जिसमें गंभीर बीमारियों और पहले से मौजूद बीमारियों के खिलाफ अधिकतम कवरेज मिलता हो.

  • ऐसी पॉलिसी चुने जिसमें कम से कम वोटिंग पीरियड हो.


यह भी पढ़ें:


राहुल गांधी बोले- रोज नए जुमले और ज़ुल्म बंद करो, कृषि विरोधी कानून रद्द करो