कई क्षेत्रों में कारोबार करने वाले समूह हिंदुजा ग्रुप को रिलायंस कैपिटल के मामले में झटका लगा है. इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं ने पूरा पेमेंट करने के लिए हिंदुजा ग्रुप को अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया है.


डेडलाइन बढ़ाने से इनकार


मिंट की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया है कि कर्जदाताओं ने हिंदुजा ग्रुप को अतिरिक्त समय देने से मना किया है. उन्होंने हिंदुजा ग्रुप को इस बारे में साफ-साफ बता दिया है कि पूरा पेमेंट करने के लिए उसे और समय नहीं दिया जा सकता है. मतलब अगर यह जानकारी सही है तो हिंदुजा समूह को रिलायंस कैपिटल के लिए पूरा पेमेंट डेडलाइन से पहले क्लियर करना होगा.


पेमेंट करने के लिए इतना समय


रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनियों में गिनी जाती थी. हिंदुजा समूह को रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए पूरा पेमेंट 27 मई तक करना है. इसके लिए 27 मई की डेडलाइन तय की गई है. अब चूंकि डेडलाइन नहीं बढ़ाई जा रही है, ऐसे में हिंदुजा समूह को उससे पहले 8 हजार करोड़ रुपये का पूरा भुगतान करना होगा. समूह को यह भुगतान पूरा कैश में ही करना है.


कर्जदाताओं को इस बात का शक


हिंदुजा समूह ने कर्जदाताओं से पूरा पेमेंट करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय देने की मांग की थी. समूह का कहना था कि उसे कुछ नियामकीय व कानूनी मंजूरियां पाने में समय लग रहा है. ऐसे में उसे पूरे 8 हजार करोड़ रुपये का भुगतान क्लियर करने में कुछ ज्यादा समय लग सकता है. हालांकि कर्जदाताओं को लगता है कि हिंदुजा समूह रिजॉल्यूशन प्लान के क्रियान्वयन में देरी करने के लिए जानबूझकर ये प्रयास कर रहा है.


चेयरमैन ने किया था ये दावा


हिंदुजा समूह की होल्डिंग कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड यानी आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने इसी महीने की शुरुआत में दावा किया था कि सिर्फ इरडा को छोड़कर किसी और मंजूरी की अब जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी दावा किया था कि बीमा नियामक की मंजूरी मिलने के बाद उनका समूह 48 घंटे में पूरा पेमेंट क्लियर कर सकता है.


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