नई दिल्ली: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेश का एक शानदार तरीका है. पीपीएफ में निवेश कर टैक्स से छूट मिल सकती है. माना जाता है कि पोस्ट ऑफिस के साथ कुछ बैंकों में पीपीएफ अकाउंट खुलवाकर ज्यादा ब्याज का फायदा लिया जा सकता है. बताया जा रहा है की हाल ही में पब्लिक प्रोविडेंट फंड के नियमों में बदलाव किया गया है. इन बदलावों की जानकारी गैजेट नोटिफिकेशन में दी गई है. आईये जानते है कि किन निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, साथ ही नियमों में क्या बदलाव किये गए है.


न्यूनतम रकम की सीमा में बदलाव


सबसे बड़ा बदलाव डाक विभाग ने पीपीएफ खाता खोलने के लिए न्यूनतम रकम की सीमा में किया गया है. अब 500 रुपये से कम की रकम पर पीपीएफ खाते में पैसे नहीं जमा किये जा सकते. रकम 50 के मल्टीपल में ही होनी चाहिए. और अब पीपीएफ खाता खोलने के लिए फॉर्म ए की जगह फॉर्म 1 भरना होगा.


मच्योरिटी में हुए बदलाव


पीपीएफ खाता 15 साल में मैच्योर होता है, इसके बाद आप इस खाते को आगे के 5 साल तक बढ़ा सकते है. इसके लिए मच्योरिटी पीरियड खत्म होने से एक साल के भीतर फॉर्म 4 जमा करना होगा जो पहले फॉर्म एच होता था.


डिपॉजिट किये बिना कमाएं ब्याज


खाते की मैच्योरिटी के बाद बिना डिपॉजिट किये आप पीपीएफ खाते को जारी रख सकते हैं. अगर पीपीएफ खाते में रकम जमा नहीं करते हैं तब भी मैच्यूरिटी के समय जमा रकम पर ब्याज मिलेगा. वहीं लगातार आपको ब्याज से जुड़ी जानकारी दी जाती रहेगी. बिना डिपॉजिट के मैच्यूरिटी के बाद भी जारी रखने की स्थिति में आपको एक वित्त वर्ष में एक ही बार रकम निकालने का मौका दिया जाएगा.


पीपीएफ अकाउंट पर लोन सुविधा


पीपीएफ खाते के जमा के आधार पर लोन लिया हो तो इसका मूलधन पे-इन-स्लिप के जरिए जमा कराया जा सकता है. जिसके बाद आपके लोन खाते में इसको क्रेडिट किया जाएगा. मूलधन चुका देने के बाद आपको सालाना एक फीसदी की दर से ब्याज के आधार पर 2 महीने से कम की किस्त पर ब्याज की रकम जमा करा सकते है. वहीं इसका भुगतान लोन लेने के अगले महीने से ही शुरू हो जाएगा.


कब जमा कराई जा सकती है रकम


पूरे महीने ब्याज पाने के लिए आपको हर महीने की 5 तारीख से पहले रकम जामा करनी होगी. अगर आप पीपीएफ के ब्याज कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते है तो आपका ब्याज हर महीने खाते में जमा सबसे कम रकम के आधर पर जोड़ा जाता है.


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