LIC IPO: शेयर बाजार में लगातार उठापटक देखी जा रही है जिसके चलते मार्च महीने में एलआईसी आईपीओ पर इसके असर को चलते चिंतायें बढ़ती जा रही है. इस बीच भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा कि बीमा कंपनी रूस-यूक्रेन तनाव से उपजी भू-राजनीतिक स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुई है लेकिन मार्च में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को सूचीबद्ध कराने को लेकर काफी गंभीर है. 


उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन तनाव का असर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के रूप में दिख रहा है. अगले महीने अपना आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी एलआईसी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास निर्गम संबंधी विवरण पुस्तिका जमा करा चुकी है. कुमार ने मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति का आईपीओ पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम स्थिति को सावधानीपूर्वक देख रहे हैं लेकिन हम मार्च में आईपीओ को सूचीबद्ध कराने को लेकर काफी गंभीर हैं. 


यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है जिसके जरिये बिक्री पेशकश के माध्यम से सरकार की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 63,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव है. पूर्वी यूरोप में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर बढ़ाये जाने की आशंका के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने फरवरी में अब तक घरेलू बाजार से शुद्ध रूप से 18,856 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. डिपोजिटरी आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक फरवरी से 18 फरवरी के बीच 15,342 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर और 3,629 करोड़ रुपये मूल्य के बांड बेचे हैं. जबकि इस दौरान उन्होंने 115 करोड़ रुपये का निवेश किया. 


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