LIC IPO पर सवाल ! केरल विधानसभा ने LIC के IPO के खिलाफ आम सहमति से प्रस्ताव पारित किया
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विधानसभा में ये प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि एलआईसी को निजी हाथों में देना देश के हित में नहीं होगा और केंद्र सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.
LIC IPO: केरल विधानसभा ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में हिस्सेदारी बेचने के केंद्र के कदम पर चिंता जताते हुए और इसे सरकार के अधीन बनाए रखने का अनुरोध करते हुए बुधवार को आम सहमति से प्रस्ताव पारित किया है.
सीएम पिनराई विजयन ने पेश किया प्रस्ताव
विधानसभा में यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेश किया. उन्होंने कहा कि एलआईसी को निजी हाथों में देना देश के हित में नहीं होगा और केंद्र सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.
केंद्र सरकार की एलआईसी का निजीकरण करने की कोशिश है- विजयन
विजयन ने कहा, "केंद्र सरकार अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराने का प्रयास कर रही है कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए केवल पांच फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी और यह निजीकरण नहीं है. लेकिन यह स्पष्ट है कि अपनी हिस्सेदारी बेचना निजीकरण की दिशा में पहला कदम है और सरकार का असल लक्ष्य यही है."
अब अप्रैल में आएगा एलआईसी का आईपीओ
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ( Russia Ukraine War) के चलते शेयर बाजार ( Share Market) में अस्थिरता के माहौल को देखते हुए देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ ( LIC IPO) नए वित्त 2022-23 के शुरुआत में अप्रैल महीने में आ सकता है. पहले सरकार एलआईसी आईपीओ को मार्च 2022 में ही लाने की योजना बना रही थी. पर शेयर बाजार में उटापटक देखते हुए सरकार जल्दबाजी में एलआईसी के आईपीओ को नहीं लाना चाहती है.
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