LIC IPO: देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ( LIC) मार्च 2022 में अपना आईपीओ लेकर आ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं एलआईसी ना केवल सरकारी प्रतिभूतियों की सबसे बड़ी धारक है, बल्कि इक्विटी की सबसे बड़ी इकलौती मालिक और सबसे बड़ी फंड प्रबंधक होने के साथ ही लोगों के पारिवारिक बचत की सबसे बड़ी धारक भी है. 


स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी के पास कुल 80.7 लाख करोड़ रुपये की अपरिपक्व सरकारी प्रतिभूतियों का करीब 17 प्रतिशत है. भारतीय रिजर्व बैंक भी सरकारी प्रतिभूतियों के मामले में एलआईसी के बाद दूसरे स्थान पर आता है. बाकी बीमा कंपनियों की इसमें हिस्सेदारी संयुक्त रूप से सिर्फ पांच प्रतिशत ही है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का सरकारी प्रतिभूति स्वामित्व मार्च 2019 में सबसे ज्यादा रहा था जब उसके पास 20.6 फीसदी प्रतिभूतियां थीं. 


यूबीएस की रिपोर्ट कहती है कि एलआईसी  कुल प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 520 अरब डॉलर हैं और एलआईसी करीब तीन लाख करोड़ डॉलर के साथ शेयर बाजार का सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक है. इसके अलावा एलआईसी के पास घरेलू संस्थागत इक्विटी एयूएम में सबसे बड़ी हिस्सेदारी भी है. यह देश में सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड के आधे से भी अधिक है. 


शेयर बाजार में भी एलआईसी की हिस्सेदारी करीब चार फीसदी है. इस तरह सरकार के बाद यह अकेली सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर है. प्रोमोटर होने के नाते सरकार सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर है. एलआईसी के पास दिसंबर 2021 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की 10 फीसदी हिस्सेदारी थी तो टीसीएस, इंफोसिस एवं आईटीसी में पांच-पांच प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी और एसबीआई में चार-चार प्रतिशत हिस्सेदारी है. 


28 करोड़ पॉलिसीधारकों के साथ पारिवारिक बचत में एलआईसी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. उदाहरण के तौर पर ऐसे समझिए कि देश में 100 रुपये जो पारिवारिक बचत किया जाता है उसमें से 10 रुपये के पास जाता है. जो एसबीआई से भी बड़ा है. देश में कुल बैंक डिपॉजिट में एसबीआई की हिस्सेदारी 8 फीसदी है. 


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