LIC IPO Likely To Get Delayed: यूक्रेन पर रूस के हमले से दुनिया भर के फाइनैंशियल मार्केट में भूचाल आया है. शेयर बाजार गोता लगा लगा रहा है तो कमोडिटी के दाम आसमान छू रहे हैं. केंद्र सरकार मार्च महीने में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ को लाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन वैश्विक तनाव का असर लाइफ इंश्योरेंस कॉरेपोरेशन के आईपीओ (LIC IPO) पर भी पड़ सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि तेजी से बदल रहे हालात को देखते हुए जरुरत महसूस हुई तो  सरकार एलआईसी के आईपीओ की टाइमलाइन पर फिर से विचार कर सकती है. 


एलआईसी के आईपीओ में देरी संभव
वित्त मंत्री सीतारमण के मुताबिक, मैं इस आईपीओ के पहले से तय कार्यक्रम के हिसाब से आगे बढ़ना चाहूंगी, क्योंकि इसके लिए हमने पहले से तैयारी की हुई है. लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय हालात को ध्यान में रखते हुए जरूरत पड़ी तो फिर से विचार करने के लिए भी तैयार हूं. वित्त मंत्री ये भी कहा कि मुझे इस बारे में सारी दुनिया को स्पष्टीकरण देना पड़ेगा.


शेयर बाजार में जारी है गिरावट
रूस-यूक्रेन तनाव ( Russia-Ukraine Conflict) के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों ( Stock Markets) में भारी उठापटक देखी जा रही है. भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) भी इससे अछूता नहीं है. विदेशी निवेशक ( Foreign Investors) से लेकर संस्थागत निवेशक बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं. जिससे बाजार के सेंटीमेंट पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है. ऐसे में समय में सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ( LIC) भारतीय आईपीओ बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ ( IPO) मार्च 2022 में लेकर लाने वाली है. आशंका जताई जा रही है कि एलआईसी का आईपीओ आया तो उसे फीका रेस्पॉंस भी मिल सकता है. 


उठापटक के दौर में एलआईसी का आईपीओ? 
एलआईसी आईपीओ ( LIC IPO) का साइज 66,000 करोड़ रुपये से बड़ा हो सकता है. एलआईसी ने सेबी के पास ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल कर दिया है और माना जा रहा है मार्च के पहले हफ्ते में एलआईसी को आईपीओ लाने की बाजार के रेग्युलेटर से मंजूरी भी मिल जाएगी. लेकिन इतने बड़े साइज के आईपीओ को पचा पाना इस उठापटक के दौर में बाजार के लिए आसान नहीं होगा. वो भी तब जब बाजार में बिकवाली का माहौल देखा जा रहा है. 


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