LIC IPO: एलआईसी आईपीओ की तैयारियों को लेकर वित्त मंत्री ने की समीक्षा बैठक, सरकार करेगी FDI नीति में संशोधन!
LIC IPO: मार्च से पहले सरकार एलआईसी की लिस्टिंग कराना चाहती है लेकिन इसमें कई अड़चन है. विदेशी निवेशकों के आईपीओ में निवेश की राह तैयार करने के लिए सरकार एफडीआई नीति में बदलाव करने जा रही है. .
LIC IPO: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए बहुप्रतिक्षित एलआईसी के आईपीओ की समीक्षा की है. बैठक में विनिवेश सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव मौजूद और एलआईसी के अधिकारी मौजूद थे.
दरअसल शेयर बाजार के निवेशकों को देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के मेगा आईपीओ (IPO) का इंतजार है. लेकिन एलआईसी के आईपीओ की राह इतनी आसान नहीं नजर आ रही है. एलआईसी के आईपीओ की राह में अभी कई अड़चनें और पेच फंसी है. ये पेंच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति से जुड़ा है. यही वजह है कि एलआईसी के आईपीओ की राह आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार एफडीआई नीति (FDI Policy) में संशोधन करने पर विचार कर रही है जिससे एलआईसी में विदेशी निवेश की इजाजत दी जा सके और दुनिया के बड़े ग्लोबल फंड्स (Global Funds) आईपीओ में हिस्सा ले सकें.
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman reviewed progress of the LIC IPO in New Delhi today in presence of @SecyDIPAM; Secretary @DFS_India and Senior Officials @LICIndiaForever and @FinMinIndia via VC. pic.twitter.com/UvQjKkuv3a
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 7, 2022
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन के मुताबिक मौजूदा एफडीआई नीति एलआईसी की विनिवेश प्रक्रिया को आसान नहीं करेगी इसलिए इसमें संशोधन की जरुरत है. उन्होंने कहा कि सरकार एफडीआई नीति को आसान बनाने पर काम कर रही है. इसके लिए जल्द निति में बदलाव करना होगा जिससे एलआईसी का विनिवेश किया जा सके. सरकार संशोधित एफडीआई नीति ला रही है.
ये भी पढ़ें: Rakesh Jhunjhunwala: मुंबई के मालाबार हिल में बन रहा बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का 14 मंजिला आलिशान बंगला
कहां फंसा है पेंच
अनुराग जैन के मुताबिक अभी दो दौर की चर्चा हो चुकी है और डीपीआईआईटी, डीएफएस (वित्तीय सेवा विभाग) तथा दीपम में इसको लेकर सहमति है. हम एफडीआई नीति में जरुरी बदलावों का मसौदा तैयार किया जा रहा है इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा. जिस पर कैबिनेट फैसला लेगी.
एफडीआई की मौजूदा नीति के अनुसार बीमा क्षेत्र में ऑटोमैटिक रूट के तहत 74 फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत है. लेकिन ये नियम एलआईसी पर लागू नहीं होती क्योंकि उसकी व्यवस्था संसद द्वारा बनाए गए एलआईसी अधिनियम से चलती है. एलआईसी में एफडीआई की मंजूरी से ग्लोबल फंड्स इसके आईपीओ में हिस्सा ले सकेंगे और साथ ही लिस्टिंग के बाद उनके लिए अहम हिस्सेदारी खरीदने का रास्ता भी खुल जाएगा.
सेबी के पास ड्रॉफ्ट पेपर होगा दाखिल
एलआईसी ( LIC ) अपना मेगा आईपीओ लाने के लिए शेय़र बाजार ( Stock Market ) के रेग्युलेटर सेबी ( Securities and Exchange Board Of India) के पास जनवरी 2022 के तीसरे हफ्ते में ड्रॉफ्ट पेपर्स ( Draft Red Herring Prospectus) दाखिल कर सकती है. एलआईसी के टॉप अधिकारियों ने ग्लोबल इंवेस्टर्स के साथ अपने मुलाकात के दौरान इस बात के संकेत दिए हैं.
ये भी पढ़ें: Indian Railways: उत्तर प्रदेश के रेल यात्रियों को सौगात, अब पोस्ट ऑफिस से भी ले सकेंगे रेल टिकट
मार्च 2022 तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग
एलआईसी स्टॉक एक्सचेंज पर हर हाल में मार्च 2022 में 2021-22 वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले अपनी लिस्टिंग कराना चाहती है. माना जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ 1 लाख करोड़ रुपये के साइज का हो सकता है. भारत के कैपिटल मार्केट इतिहास का ये सबसे बड़ा आईपीओ होगा.