LIC IPO: एलआईसी आईपीओ के बंद होने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं. लेकिन भारत के प्राइमरी मार्केट के इतिहास के सबसे बड़े और सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी के आईपीओ से विदेशी निवेशकों ने दूरी बना रखी है. शेयर बाजार में जारी गिरावट, वैश्विक चुनौतियां और एलआईसी आईपीओ के महंगे होने के चलते विदेशी निवेशकों ने इस आईपीओ से दूरी बनाया हुआ है. 


विदेशी निवेशकों का ठंडा रेस्पॉंस
एलआईसी आईपीओ के जरिए बाजार से करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है. आईपीओ दो गुना सब्सक्राइब हो चुका है. लेकिन संस्थागत निवेशकों के रिजर्व रखे गए कोटे में विदेशी निवेशकों की तरफ से केवल 8 फीसदी शेयर के लिए आवेदन आया है. दरअसल बीते साल अक्टूबर से ही विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में बिकवाली कर अपने निवेश वापस ले रहे हैं. और अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले और डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी के चलते बिकवाली और बढ़ी है. 


पॉलिसीधारकों ने आईपीओ में लगाये पैसे 
हालांकि आखिरी दिन निवेशकों द्वारा एलाआईसी आईपीओ में बिडिंग जारी है. अब तक आईपीओ 2.50 गुना सब्सक्राइब हुआ है. 16.2 करोड़ शेयर के ऑफर के बदले 40.54 करोड़ शेयर के लिए आवेदन मिल चुका है. जिसमें सबसे ज्यादा बेहतर रेस्पांस पॉलिसीधारकों के तरफ से हुआ है. पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व कोटा 5.70 गुना सब्सक्राइब हुआ है. Qualified Institutional Buyers (QIB) का कोटा 2.13 गुना सब्सक्राइब हुआ है और गैस संस्थागत निवेशकों के कोटा 2.07 गुना आवेदन प्राप्त हुआ है.  


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