LIC IPO News: सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ आज एंकर निवेशकों के लिए खुल गया है. हालांकि 4 से 9 मई तक रिटेल निवेशकों के सब्सक्रिप्शन के लिए आईपीओ खुला रहेगा. सरकार ने एलआईसी के आईपीओ के साइज को घटाकर 21,000 करोड़ कर दिया. हालांकि इसके बावजूद एलआईसी का आईपीओ भारत के प्राइमरी मार्केट का सबसे बड़ा आईपीओ है. 


एलआईसी आईपीओ का प्राइस बैंड
एलआईसी आईपीओ का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये रुपये तय किया गया है. एलआईसी का आईपीओ 4 से लेकर 9 मई तक निवेशकों के निवेश के लिए खुले रहेगा. प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में एंकर निवेशक 2 मई यानि आज को निवेश कर सकते हैं. आईपीओ के जरिए 20,557 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. हालांकि पहले सरकार ने आईपीओ के जरिए 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन आईपीओ के साइज को छोटा कर दिया गया है. DIPAM सचिव तूहिन कांत पांडेय ने कहा कि एलआईसी आईपीओ के साइज को छोटा किए जाने के बाद भी ये सबसे बड़ा आईपीओ है. 


ग्रे मार्केट में प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा एलआईसी का शेयर
आईपीओ खुलने के पहले ही एलआईसी का शेयर 45 से 55 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है जो कि इश्यू प्राइस से 5 से 7 फीसदी ज्यादा है. आपको बता दें एलआईसी का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. 


आईपीओ प्राइस पर डिस्काउंट
एलआईसी अपने आईपीओ में निवेश करने वाले पॉलिसीधारकों को डिस्काउंट दे रही है. पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट दिया जाएगा तो रिटेल निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों को 40 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट मिलेगा. 


17 मई को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग
अपर प्राइस बैंड पर प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए 5630 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. आईपीओ में 221.37 मिलियन शेयर बेचे जायेंगे जिसमें 59.29 मिलियन शेयर एंकर निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है. कर्मचारियों के लिए 1.58 मिलियन, पॉलिसीधारकों के लिए 22.14 मिलियन और संस्थागत निवेशकों के लिए 98.83 मिलियन शेयर रिजर्व रखे गया है. 12 मई को शेयर अलॉट कर दिया जाएगा और 16 मई तक निवेशकों के डिमैट खाते में शेयर्स क्रेडिट कर दिए जायेंगे. 17 मई को एलआईसी के आईपीओ की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की जाएगी. 


ये भी पढ़ें


ITR Form: इनकम टैक्स विभाग ने अपडेटेड आयकर रिटर्न के लिए नया फॉर्म नोटिफाई किया, जानें किनके लिए है और क्या होगा खास


Edible Oil: कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए खाने के तेल पर घट सकता है सेस, सरकार बोली, देश में है पर्याप्त मात्रा में खाने का तेल