LIC Investment In Adani Stocks: अडानी समूह को लेकर 24 जनवरी 2023 को जारी हुए हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट और समूह की कंपनी में एलआईसी के निवेश को लेकर सरकारी बीमा कंपनी की हुई तीखी आलोचना के बावजूद एलआईसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज समेत चार कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को और बढ़ाया है.
अडानी एंटरप्राइजेज के खरीदे शेयर्स
जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान एलआईसी ने अडानी एंटरप्राइजेज के 3,57,500 शेयर्स खरीदे हैं. इस खऱीद के साथ एलआईसी की हिस्सेदारी 4.23 फीसदी से बढ़कर जनवरी मार्च तिमाही के खत्म होने पर 4.26 फीसदी पर जा पहुंची है. स्टॉक एक्सचेंज के डाटा से ये जानकारी निकलकर सामने आई है.
24 जनवरी 2023 से पहले खरीदा या बाद में?
इस अवधि में एलआईसी ने अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस में भी हिस्सेदारी को बढ़ाया है. हालांकि इस अवधि में एलआईसी ने अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी को घटाने का काम किया है. एसीसी में एलआईसी के हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं आया है. हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने के पहले खऱीदा है या बाद में.
एलआईसी का निवेश बना बड़ा राजनीतिक मुद्दा
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने के बाद अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने एलआईसी की बीमा पॉलिसी के निवेशकों के पैसे से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था. जनवरी 2023 में एलआईसी ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने अडानी समूह के कंपनियों के 30,127 करोड़ रुपये के शेयर्स खऱीदे हुए हैं जो कि एलआईसी के कुल एयूएम का 1 फीसदी से भी कम है.
म्यूचुअल फंड्स ने घटाया निवेश, रिटेल निवेशकों ने बढ़ाया
म्यूचुअल फंड्स ने अडानी एंटरप्राइजेज में अपने निवेश को अक्टूबर दिसंबर तिमाही के 1.19 फीसदी से घटाकर जनवरी मार्च तिमाही में 0.87 फीसदी कर दिया है. म्यूचुअल फंड्स इंवेस्टर्स की संख्या घटकर 31 से 27 रह गई है. हालांकि इस अवधि में 2 लाख रुपये कम निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों की संख्या में तीन गुना उछाल आया है. और ये संख्या 3 लाख से बढ़कर 7.29 लाख हो गई है. दिसंबर तिमाही में रिटेल निवेशकों के पास कंपनी की कुल 1.86 फीसदी हिस्सेदारी थी जो बढ़कर 3.41 फीसदी हो गई है.
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