SEBI Update: शेयर बाजार की रेग्यूलेटर सेबी (SEBI) वायदा कारोबार ( Derivatives Segment) में ट्रेड करने वाले शेयरों को शामिल करने या बाहर करने की नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है. एलआईसी, यस बैंक, जोमैटो, जियो फाइनेंशियल, अडानी ग्रीन समेत करीब 78 शेयर्स को डेरीवेटिव सेगमेंट में ट्रेड करने के लिए शामिल किया जा सकता है. डेरीवेटिव सेगमेंट में शेयरों के शामिल किए जाने के तौर तरीकों और नियमों की समीक्षा पिछली बार 2018 में की गई थी. सेबी फिर से डेरीवेटिव सेगमेंट के लिए स्टॉक्स के सेलेक्शन और बाहर करने के नियमों की समीक्षा करने जा रही है. 


डेरीवेटिव सेगमेंट में स्टॉक्स को शामिल करने या बाहर करने के नियमों को रिव्यू करने की समीक्षा के लिए सेबी ने कंसलटेशन पेपर जारी किया है. सेबी ने कहा, पिछले बार डेरीवेटिव में स्टॉक्स को शामिल करने के नियमों की समीक्षा 2018 में की गई थी. उसके बाद से कैश मार्केट के साइज, लिक्विडिटी को प्रतिबिंबित करने वाले मार्केट पैरामीटर यानी, मार्केट कैपिटलाइजेशन और टर्नओवर में भारी बढ़ोतरी हुई है. सेबी ने कंसलटेंशन पेपर में सभी स्टेकहोल्डर्स से डेरीवेटिव सेगमेंट में स्टॉक्स में शामिल करने या बाहर करने को लेकर सुझाव मंगाये हैं. 


प्रस्तावित नियमों के तहत सेबी आर्डर साइज को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 76 लाख से 1 करोड़ रुपये करना चाहता है. मार्केट-वाइड पोजीशन लिमिट को भी 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1250 करोड़ से 1750 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है. सिंगल-स्टॉक डेरीवेटिव के लिए सेबी ने प्रोडक्ट सक्सेस फ्रेमवर्क को भी शुरू करने का प्रस्ताव रखा है. 


फ्यूचर एंड ऑप्शन यानि डेरीवेटिव्स में जिन स्टॉक्स को शामिल किए जाने की संभावना हैं उसे लेकर ब्रोकरेज फर्म नुवामा रिसर्च (Nuvama Research) ऐसे 78 स्टॉक्स की सूची जारी की है. ऐसे संभावित स्टॉक्स में जोमैटो, यस बैंक, आईआरएफसी, अडानी टोटाल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी, एलआईसी, कल्याण ज्वेलर्स, लेमन ट्री होटल्स, एनएमडीसी स्टील, बैंक ऑफ इंडिया, रेल विकास निगम और बीएसई शामिल है. वहीं जिन स्टॉक्स को फ्यूचर एंड ऑप्शन से बाहर किया जा सकता है उसमें वैसे स्टॉक्स शामिल हैं जिनकी फ्लोटिंग लिक्विडिटी बेहद कम है जिसमें बाटा इंडिया, यूनाइटेड ब्रेवरीज, टॉरेंट फार्मा, एमजीएल शामिल है.    


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