बीमा ग्राहकों को देश में जल्द ही एक शानदार सुविधा मिलने जा रही है. कोई भी लाइफ इंश्योरेंस या जनरल इंश्योरेंस प्रोडक्ट खरीदने वालों को 30 दिनों का फ्री-लुक पीरियड मिल सकता है. बीमा नियामक इरडा ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है. अभी बीमा ग्राहकों को 15 दिनों का फ्री-लुक पीरियड मिलता है.
क्या होता है फ्री-लुक पीरियड?
फ्री-लुक पीरियड का मतलब उस अवधि से होता है, जिसके दौरान बीमा ग्राहकों को कोई नया खरीदा प्रोडक्ट पसंद नहीं आने पर लौटाने की सुविधा मिलती है. मान लीजिए कि आपने कोई नया लाइफ इंश्योरेंस या जनरल इंश्योरेंस प्रोडक्ट खरीदा. खरीदने के बाद आपको उस खास प्रोडक्ट में कुछ खामियां नजर आईं या आपको उससे बेहतर कोई प्रोडक्ट मिल गया. ऐसे में आप एक तय समय तक उस बीमा प्रोडक्ट को सरेंडर कर सकते हैं और इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं वसूला जाता है. इसी समय को फ्री-लुक पीरियड कहते हैं.
फ्री-लुक पीरियड के मौजूदा नियम
बीमा नियमों में अनिवार्य फ्री-लुक पीरियड का प्रावधान पहले से है. अभी कंपनियों को हर लाइफ इंश्योरेंस व जनरल इंश्योरेंस प्रोडक्ट के साथ कम से कम 15 दिनों का फ्री-लुक पीरियड ऑफर करना पड़ता है. इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी या डिस्टेंस मोड के तहत खरीदी गई पॉलिसी के लिए यह समय 30 दिनों का है. मौजूदा नियम कहता है कि कंपनियां अपनी ओर से सभी ग्राहकों को 30 दिनों का फ्री-लुक पीरियड ऑफर कर सकती हैं, लेकिन यह मैंडेटरी नहीं है. इरडा का प्रस्ताव 15 दिनों की अनिवार्य शर्त को 30 दिनों तक ले जाने का है.
इरडा ने तैयार किया ये मसौदा
बीमा नियामक ने इसके लिए इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (प्रोटेक्शन ऑफ पॉलिसीहोल्डर्स इंटेरेस्ट्स एंड अलाइड मैटर्स ऑफ इंश्योरर्स) रेगुलेशंस 2024 नाम से मसौदा तैयार किया है. मसौदे में कहा गया है कि किसी भी मोड से खरीदे गए इंश्योरेंस प्रोडक्ट पर पॉलिसी डॉक्यूमेंट रिसीव करने की तारीख से अगले 30 दिनों तक का फ्री-लुक पीरियड मिलना चाहिए.
ग्राहकों के हितों की होगी सुरक्षा
इरडा का कहना है कि 30 दिनों का समय मिलने से बीमा ग्राहक अपने संबंधित प्रोडक्ट के दस्तावेजों को अच्छे से समझ सकेंगे. दस्तावेजों को अच्छे से पढ़ने के बाद अगर कोई चीज उन्हें समझ नहीं आती है तो वे अपनी संबंधित बीमा कंपनी से संपर्क करे अपने संदेह दूर कर सकते हैं या कोई शर्त अपने हितों के लिए प्रतिकूल समझ आने पर पॉलिसी को सरेंडर कर सकते हैं. फ्री-लुक पीरियड बढ़ने से ग्राहक 30 दिनों तक पॉलिसी सरेंडर कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा और बीमा कंपनी उनके पहले प्रीमियम की रकम को पूरा वापस करेगी.
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