Insurance Claim: जीवन बीमा कंपनियों को कोरोना के चलते बड़ा नुकसान हुआ था. कोरोना काल में हुई मौतों के चलते उन्हें बड़ी संख्या में क्लेम का भुगतान करना पड़ा था. हालांकि, अब इन कंपनियों को राहत मिली है. कोविड-19 में हुई मौतों के चलते बीमा कंपनियों को वित्त वर्ष 2022 में लगभग 60,821.86 करोड़ रुपये मृतकों के परिजनों को देने पड़े थे. हालांकि, वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 19,000 करोड़ रुपये कम होकर 41,457 करोड़ रुपये ही रह गया है. 


इरडा ने जारी की रिपोर्ट 


बीमा नियामक इरडा (IRDAI) के अनुसार, जीवन बीमा कंपनियों को 2022-23 के दौरान कुल 4.96 ट्रिलियन रुपये का कुल भुगतान करना पड़ा. यह इससे पिछले वित्त वर्ष के 5.02 ट्रिलियन रुपये के भुगतान से लगभग 6000 करोड़ रुपये कम है. इरडा की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड के बाद देश में मौतों और उससे जुड़े क्लेम की संख्या में तेजी से कमी आई है. 


वित्त वर्ष 2022 में पड़ी थी कोरोना की मार 


इरडा के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 के दौरान कोविड-19 ने बीमा उद्योग को बुरी तरह से चपेट में लिया था. बीमा कंपनियों को इस दौरान 60 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के क्लेम का निपटारा करना पड़ा था. वित्त वर्ष 2023 में यह संख्या भी काफी कम हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में सरेंडर और विड्राल के मद में कंपनियों ने 1.98 ट्रिलियन रुपये का भुगतान किया, जो कि 26 फीसदी ज्यादा है. इस रकम में पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की हिस्सेदारी 56.27 फीसदी रही. 


क्लेम सेटेलमेंट अनुपात में आई कमी 


वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022-23 के दौरान कुल 10.76 लाख डेथ क्लेम में से जीवन बीमा कंपनियों ने 10.60 लाख का भुगतान किया. इसकी कुल राशि 28,611 करोड़ रुपये थी. साल के अंत में 350 करोड़ रुपये के 833 क्लेम अभी भी निपटे नहीं हैं. पब्लिक सेक्टर बीमा कंपनियों का क्लेम सेटलमेंट अनुपात 31 मार्च, 2023 तक 98.52 फीसदी था. 31 मार्च, 2022 को यही आंकड़ा 98.74 फीसदी था. प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों का क्लेम सेटलमेंट 2022-23 के दौरान 98.02 फीसदी था जबकि पिछले वर्ष के दौरान यह 98.11 फीसदी था. बीमा उद्योग का क्लेम सेटलमेंट अनुपात 2021-22 में 98.64 फीसदी से घटकर 2022-23 में 98.45 फीसदी हो गया.


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