Health Insurance: क्या लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां फिर से हेल्थ इंश्योरेंस भी बेचेंगी, जानें क्या है पूरी खबर
Health Insurance News: IRDA ने साल 2016 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसी योजनाएं बेचने से रोक दिया था, तब से लाइफ इंश्योरेंसकर्ताओं को केवल निश्चित लाभ स्वास्थ्य योजनाओं की पेशकश की ही अनुमति है.
Health Insurance News: IRDA के लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ बीमा सेगमेंट के प्रोडक्ट्स दोबारा बेच पाने की मंजूरी देने के साफ संकेत आ रहे हैं. ये खबर आ रही है कि जल्द ही लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ बीमा भी दोबारा बेच सकेंगी. इसी के तहत अब एलआईसी और अन्य बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम-रीइंबर्समेंट बेस्ड हेल्थ बीमा कारोबार में फिर से कदम रखने का मन बना रही हैं.
LIC, ICICI Pru जैसी कंपनियां हैं तैयार
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अलावा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ, एचडीएफसी लाइफ और बजाज आलियांज लाइफ जैसी इंश्योरेंस कंपनियों का कहना है कि साल 2016 में रोक लगने के पहले वे मेडिक्लेम पॉलिसी की भी पेशकश कर रही थीं. लेकिन भारतीय इंश्योरेंस नियमन और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. इन इंश्योरेंस कंपनियों का कहना है कि जब इंश्योरेंस नियामक उन्हें फिर से मेडिक्लेम पॉलिसी बेचने की मंजूरी देने का संकेत दे रहा है तो वे इस कारोबार में दोबारा कदम रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. ये सभी कंपनियां इस समय भी गैर-रीइंबर्समेंट पर आधारित हेल्थ पॉलिसी की पेशकश कर रही हैं.
IRDA के चीफ ने क्या कहा
IRDA के देबाशीष पांडा ने पिछले दिनों कहा था कि लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को स्वास्थ्य क्षेत्र में फिर से कदम रखने का समय आ गया है. साल 2030 तक हरेक नागरिक के पास हेल्थ पॉलिसी होने का लक्ष्य पाने के लिए ऐसा करना जरूरी है. हालांकि बाद में देबाशीष पांडा ने कहा कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.
LIC ने क्या कहा
एलआईसी ने इस बारे में कहा, "हम नियामक से मिले प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि स्वास्थ्य लाइफ इंश्योरेंस के हमारे मुख्य व्यवसाय से जुड़ा है. इसमें कुछ भी नया नहीं है क्योंकि हम दशकों से इसमें सक्रिय हैं और कई गैर-रीइंबर्समेंट उत्पादों की पेशकश कर भी रहे हैं." एलआईसी के चेयरमैन एम टी कुमार ने कहा, "हम पहले से ही कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुरक्षा और गारंटीकृत स्वास्थ्य उत्पादों की पेशकश कर रहे हैं. हम नियामक द्वारा दिए गए सुझावों का मूल्यांकन कर रहे हैं."
ICICI Prudential Life ने क्या कहा
निजी क्षेत्र की कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने कहा कि नियामकीय प्रतिबंध लगने पर अधिकांश ग्राहकों को पोर्ट आउट (पॉलिसी जारी रखते हुए कंपनी बदलना) की अनुमति देने के बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में आज भी उसके पास 2.63 लाख का एक बड़ा कस्टमर बेस मौजूद है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मैनेजिंग डायरेक्टर एन एस कन्नन ने कहा कि हम हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में फिर से प्रवेश करने के इच्छुक हैं क्योंकि इसमें कुछ भी नया नहीं है. 2016 में अचानक बैन लगने से पहले कई सालों तक हम इस सेगमेंट में मौजूद रहे हैं. यह पूरी तरह से लाइफ इंश्योरेंस कारोबार से मेल खाता है.
Bajaj Allianze ने क्या कहा
लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर की एक अन्य कंपनी बजाज आलियांज लाइफ ने भी कहा कि वह फिर से इस क्षेत्र पर ध्यान देगी. बजाज आलियांज लाइफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तरुण चुग ने कहा, "हम यह समझना चाहते हैं कि यह प्रस्ताव किस दिशा में जाएगा. एक कंपनी के रूप में हम ग्राहकों की हेल्थ बीमा जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं."
IRDA ने साल 2016 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ बीमा बेचने से रोका था
क्लेम-आधारित स्वास्थ्य योजनाओं यानी मेडिक्लेम पॉलिसी को सालाना रीन्यू कराना होता है या उनकी बिक्री एक साल की वैधता के साथ की जाती है. यह देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली स्वास्थ्य योजनाएं हैं. हालांकि इंश्योरेंस नियामक ने साल 2016 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसी योजनाओं को बेचने से रोक दिया था. तब से लाइफ इंश्योरेंस कर्ताओं को केवल निश्चित लाभ स्वास्थ्य योजनाओं की पेशकश की ही अनुमति है.
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