Job Seeker Report In 2022: बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स बदलना चाहते हैं 2022 में नौकरी, सर्वे में खुलासा
Job Seeker Report In 2022: LinkedIn ने नए जॉब चाहने वालों को लेकर एक सर्वे किया है और इस सर्वे के मुताबिक 82 फीसदी से ज्यादा प्रोफेशनल्स 2022 में नौकरी बदलने की चाहत रखते हैं.
Job Seeker Report In 2022: कोरोना महामारी भले ही फिर से लौट आया हो लेकिन देश का बड़ा वर्कफोर्स अपने भविष्य को लेकर बहुत आशावादी है. बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स इस वर्ष नौकरी बदलने की चाहत रखते हैं. LinkedIn ने नए जॉब चाहने वालों को लेकर एक सर्वे किया है और इस सर्वे के मुताबिक 82 फीसदी से ज्यादा प्रोफेशनल्स 2022 में नौकरी बदलने की चाहत रखते हैं.
LinkedIn ने 1,111 प्रोफेशनल्स के बीच सर्वे किया है जिसमें पाया गया कि ज्यादातर प्रोफेशनल्स अपने निजी जीवन और नौकरी के बीच सामंजस्य नहीं होने, ज्यादा पैसे नहीं मिलने और करियर को लेकर बड़े आंकाक्षों के चलते नौकरी बदलना चाहते हैं. जो लोग नौकरी बदलना चाहते हैं वो फलेक्सीबल वर्किंग अरेंजमेंट को पहली प्राथमिकता दे रहे हैं. महामारी ने लोगों को अपने करियर को लेकर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है और बदले हुए हालात में लोगों की प्राथमिकता को देखते हुए इसलिए नई नौकरी की संभावना तलाश रहे हैं.
नए अवसरों को लेकर भरोसा बढ़ा है, टैलेंट का महत्व बढ़ चुका है. इससे साफ है कि नौकरी बदलने वालों का हौसला बुलंद है लेकिन काम को लेकर फलेक्सिबिलिटी पहली प्राथमिकता है. LinkedIn के रिसर्च के मुताबिक नौकरी बदलने वाले 2022 में नौकरी की संभावना को लेकर बेहद आशवस्त हैं और वे अपनी भूमिका करियर को लेकर भी उनका मनोबल बहुत ऊंचा है.
हालांकि मनोबल ऊंचा होने के बीच 71 फीसदी प्रोफेशनल्स मानते हैं कि उन्हें महामारी के पहले के मुकाबले अब ज्यादा काम करना पड़ रहा है वहीं 63 फीसदी मानते हैं कि वे इमपोस्टर सिंड्रोम से ग्रसित हैं. दो सालों से महामारी के दौरान अकेले काम करने के चलते काम करने को लेकर उनका भरोसा डगमगाया है. मौजूदा कंपनी के साथ जो लोग बने रहना चाहते हैं उन्हें उम्मीद है कि 2022 में उनके वेतन में अच्छी बढ़ोतरी होगी वर्क-लाइफ में सुधार होगा.
सर्वे के मुताबिक 37 फीसदी वर्किंग महिलाएं खराब हो चुके वर्क-लाइफ वैलेंस होने के चलते अपनी मौजूदा नौकरी बदलना चाहती हैं जबकि पुरुषों की संख्या 28 फीसदी है. हालांकि 49 फीसदी महिलाएं अपनी मौजूदा कंपनी के साथ बने रहना चाहती हैं जबकि पुरुषों की संख्या 39 फीसदी है.
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