नई दिल्लीः हर इंसान के मन में होता है कि पैसा कमाए और कमाए हुए पैसे को बचाए. हालांकि आजकल सिर्फ पैसे बचाना काफी नहीं है और आपको पैसे को निवेश करना चाहिए जिससे पैसे पर पैसा बनाया जा सके. सेविंग खाते के तौर पर सबसे पहला निवेश आप कर तो देते हैं लेकिन इस पर मिल रहा 4 फीसदी का ब्याज आपके लिए काफी नहीं है. बढ़ती हुई महंगाई के दौर में 4 फीसदी ब्याज से काम नहीं चलेगा तो यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसी स्कीम के बारे में जिसमें सेविंग खाते के सारे फायदे भी हैं और इससे 3 गुना ज्यादा रिटर्न भी है.
लिक्विड फंड
इनमें आपको सेविंग अकाउंट की तरह ही सारी सुविधाएं मिलती हैं, वहीं इनमें 9-12 फीसदी के बीच का रिटर्न भी मिल सकता है तो इस स्कीम को जानकर आप भी सेविंग खाते की तुलना में कहीं ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. पिछले एक साल में अधिकांश अच्छे लिक्विड फंड स्कीम्स ने 9 फीसदी से ज्यादा रिटर्न कमाकर दिया तो कुछ स्कीम्स में 12 फीसदी तक का रिटर्न भी ग्राहकों को मिल पाया है. इस तरह ये एक तरह से एफडी से भी ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम साबित हुई है.
क्या है लिक्विड फंड
लिक्विड फंड, म्यूचुअल फंड का ही एक प्रकार है और इन्हें कैश फंड भी कहते हैं. इनमें जोखिम भी कम होता है. लिक्विड फंड के जरिए आप ज्यादा लिक्विडिटी के साथ कम जोखिम और स्थिर रिटर्न की तर्ज पर तीन तरह के फायदे हासिल कर सकते हैं.
इनकी कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती तो आप जब चाहें इसमें से पैसे निकाल सकते हैं. चाहें तो 1 साल, 1 महीना, 1 दिन के लिए भी आप इनमें निवेश कर सकते हैं.
बैंक या पोस्ट ऑफिस की आरडी की तरह काम करने वाली इस स्कीम में आप अगर चाहें तो अतिरिक्त पैसा जमा कराएं या निकाल लें, इस पर कोई पाबंदी नहीं है.
अगर आप ट्रेजरी बिल्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, कॉमर्शियल पेपर्स और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट जैसे डेट इंस्टू्मेंट्स में निवेश करते हैं तो आपके लिए लिक्विड फंड इससे ज्यादा सेफ माने जाएंगे, इन पर एंट्री या एग्जिट लोड भी नहीं लगता है.
लिक्विड फंड की खासियतें
लिक्विड फंड के रिटर्न में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा जाता है. इस तरह के सभी लिक्विड फंड एक ही तरह की सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. लिक्विड फंड प्राथमिक रूप से छोटी अवधि की मेच्योरिटी वाले फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में इंवेस्ट करते हैं जिसके चलते इनमें ब्याज दर के उतार-चढ़ाव का जोखिम भी सबसे कम होता है.
लिक्विड फंडों में कई तरह के अलग-अलग प्लान होते हैं. इसमें ग्रोथ, दैनिक डिविडेंड प्लान, साप्ताहिक डिविडेंड प्लान और मासिक डिविडेंड प्लान में से एक का चुनाव कर सकते हैं. लिक्विड फंडों में कई तरह के प्लान में से ग्रोथ प्लान ऐसा होता है जिसके तहत कोई डिविडेंड का एलान नहीं किया जाता है. इसके एवज में फंड में होने वाली बढ़ोतरी को यूनिट वैल्यू की ग्रोथ के रूप में कैलकुलेट किया जा सकता है.
कैसे कर सकते हैं निवेश
इस तरह का इनवेस्टमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वालों के लिए फंड मैनेजर पहले केवाईसी तैयार करवाएगा. लिक्विड फंड में इंवेस्ट करने वालों के लिए पहले महीने की किस्त के लिए एक चेक, ऑटो डेबिट फॉर्म जो ईसीएस के लिए इस्तेमाल होगा और एक कॉमन फॉर्म भरवाया जाएगा. इन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद आपकी लिक्विड फंड में एसआईपी शुरू हो जाएगी.