देश के इस राज्य में शराब महंगी, बिजली और कोर्ट फीस भी बढ़ी, इस फसल का समर्थन मूल्य बढ़ा
Liquor Costly: देश के इस राज्य के बजट में कहा गया है कि विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त रकम जुटाने के लिए कुछ वस्तुओं और सेवाओं के दाम में इजाफा किया गया है.
Liquor Costly and Power Prodution cost Increased: देश में इस समय अलग-अलग राज्यों में बजट सत्र या तो चल रहे हैं या शुरू होने वाले हैं. उत्तर प्रदेश का बजट आज यूपी विधानसभा में पेश किया गया, वहीं केरल सरकार के बजट सत्र में पेश बजट के दौरान आज कुछ वस्तुओं और सेवाओं के दाम बढ़ा दिए गए हैं. केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (मार्क्सवादी) सरकार ने सोमवार को पेश बजट में शराब के दाम और न्यायिक अदालत शुल्क में बढ़ोतरी की है.
केरल में शराब महंगी हुई
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन नीत सरकार के लिए चौथा बजट पेश करते राज्य के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि 200 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने के लिए भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) पर उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. बालगोपाल ने कहा, "आबकारी कानून भारतीय निर्मित विदेशी शराब की बिक्री पर 30 रुपये प्रति लीटर तक गैलेनेज शुल्क लगाने की अनुमति देता है. इसे 10 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है." उन्होंने कहा कि इससे 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है.
बिजली पैदा करने पर भी शुल्क बढ़ा
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में खुद की बिजली पैदा करने वालों पर अदालती शुल्क और बिजली शुल्क भी बढ़ा दिया गया है. बजट में उन कंज्यूमर्स के लिए बिजली शुल्क में 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है जो अपने खुद के उपभोग के लिए ऊर्जा का उत्पादन और उपभोग करते हैं. इससे 24-25 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने कहा, "1963 से बिजली की बिक्री पर छह पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली शुल्क लगाया जा रहा है. इसे बढ़ाकर 10 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है. 101.41 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है."
कोर्ट फीस में किया गया इजाफा
बालगोपाल ने कहा कि क्षेत्र से अधिक राजस्व जुटाने के तरीके खोजने के लिए केरल कोर्ट फीस एंड सूट वैल्यूएशन एक्ट, 1959 में उपयुक्त संशोधन शामिल किए जाएंगे. उन्होंने कहा, "इनके जरिए सरकार को 50 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है."
रबड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया
बालगोपाल ने वित्त वर्ष 2024-25 बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1,698.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और रबड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 170 से बढ़ाकर 180 रुपये किया गया है. रबड़ किसानों द्वारा इसके समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की बढ़ती मांग के बीच बालगोपाल ने इसमें 10 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की. उन्होंने कहा, "रबड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 170 रुपये से बढ़ाकर 180 रुपये कर दिया गया है." उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि क्षेत्र के लिए 1,698 करोड़ रुपये अलग रखे जाएंगे.
अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के लिए 50 करोड़ रुपये
उन्होंने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के लिए 50 करोड़ रुपये अलग रखे और सहकारी क्षेत्र के लिए 134.42 करोड़ रुपये की घोषणा की.
पर्यटन क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा
पर्यटन क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया जाएगा. उन्होंने कहा, "पर्यटन क्षेत्र बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 में इसके लिए 351 करोड़ रुपये आवंटित किए जा रहे हैं."
डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित
उच्च शिक्षा क्षेत्र को अधिक समर्थन की घोषणा करते हुए मंत्री ने डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित किये.
साथ ही उन्होंने कहा, "राज्य रेल परियोजना को साकार करने के अपने प्रयास जारी रखेगा. इस संबंध में केंद्र सरकार से बातचीत जारी है." विझिंजम पोर्ट, कोचीन मेट्रो और कन्नूर हवाई अड्डे जैसी प्रमुख परियोजनाओं के सुचारू और टाइम से निष्पादन के लिए 300.73 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है.
3 सालों में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश लाएंगे- पिनराई विजयन
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सरकार के लिए चौथा बजट पेश करते हुए बालगोपाल ने कहा कि हालांकि राज्य आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और केंद्र वित्तीय पाबंदियां लगा रहा है, लेकिन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार विकास के मोर्चे पर कोई समझौता नहीं करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्षों में दक्षिणी राज्य में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश लाया जाएगा. मंत्री ने दक्षिणी राज्य की वित्तीय समस्याओं के लिए केंद्र की आर्थिक नीतियों और केरल की कथित उपेक्षा को भी जिम्मेदार ठहराया.
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