सरकारों के लिए राजस्व के स्रोतों में आबकारी विभाग को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यह हर सरकार के लिए खजाना भरने वाला विभाग है. सरकारें भी इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के मौके नहीं छोड़ती हैं. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि शराब के किसी ब्रांड की कीमत एक शहर में 100 रुपये है तो हो सकता है किसी दूसरे शहर में 500 रुपये भी हो. आइए जानते हैं कि देश कि किस राज्य में अभी शराब सबसे सस्ती है और कहां लोग सबसे महंगी शराब खरीद रहे हैं... साथ ही हम ये भी जानेंगे कि अलग-अलग राज्यों में एक ही ब्रांड की कीमत अलग-अलग होने के लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं.
5 गुने तक का आ जाता है अंतर
सबसे पहले एक एदाहरण से समझते हैं. अभी अगर किसी ब्रांड की बीयर आप दिल्ली में 130-150 रुपये में खरीद रहे हैं, तो वही सेम चीज आप गोवा में 90-100 रुपये में खरीद सकते हैं, जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में आपको 200 रुपये तक चुकाना पड़ सकता है. शराब की कीमतों में यह अंतर कई मामलों में 4-5 गुने तक हो जाता है. मतलब किसी एक शहर में 100 रुपये में मिल रही शराब के लिए आपको किसी दूसरे शहर में 500 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं.
इस कारण अलग हो जाती है कीमत
अब यह जानना महत्वपूर्ण है कि राज्यों के हिसाब से शराब की कीमतों में इस तरह का अंतर क्यों है... इसका सबसे बड़ा कारण है टैक्स. सभी राज्य सरकारें शराब पर अलग से टैक्स लगाती हैं. इस टैक्स की दरें राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होती हैं. इसके अलावा राज्य सरकारों की आबकारी नीतियों का भी योगदान होता है. जैसे- दिल्ली में शराब घोटाला का मामला शुरू होने से पहले नई शराब नीति लागू हुई थी और तब प्राइवेट वेंडर लोगों को एमआरपी पर भी डिस्काउंट ऑफर कर रहे थे. दिल्ली में वह व्यवस्था भले ही समाप्त हो गई, लेकिन कई राज्यों में अभी भी लागू हैं.
राज्यों के हिसाब से टैक्स अलग
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दी इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के हवाले से बताया गया है कि किस तरह से राज्यों में टैक्स की दरें अलग हैं. इसके लिए एसोसिएशन ने टैक्स व अन्य फैक्टर्स को शामिल करते हुए एमआरपी इंडेक्स तैयार किया है. आइए इस इंडेक्स पर गौर करते हैं...
राज्य | एमआरपी इंडेक्स | एमआरपी में टैक्स का हिस्सा |
कर्नाटक | 513 | 83% |
तेलंगाना | 246 | 68% |
महाराष्ट्र | 226 | 71% |
राजस्थान | 213 | 69% |
उत्तर प्रदेश | 197 | 66% |
हरियाणा | 147 | 47% |
दिल्ली | 134 | 62% |
गोवा | 100 | 49% |
स्रोत: The International Spirits & Wines Association of India |
इस तरह से पड़ जाता है फर्क
इसमें आपने देखा कि एमआरपी इंडेक्स गोवा में सबसे कम है. मतलब देश में सबसे सस्ती शराब गोवा में मिल रही है. दूसरी ओर एमआरपी इंडेक्स सबसे ज्यादा कर्नाटक में है, मतलब वहां कीमतें सबसे ज्यादा हैं. इसे एक उदाहरण से समझिए. जो शराब आपको गोवा में 100 रुपये में मिल रही है, उसकी कीमत दिल्ली में 134 रुपये हो जाएगी, जबकि कर्नाटक में रेट 513 रुपये पर पहुंच जाएगा.
इन राज्यों में भी सस्ती है शराब
गोवा के अलावा भी कुछ शहरों/राज्यों में शराब पर टैक्स अपेक्षाकृत कम है. इस कारण वहां भी औसत से कम भाव पर शराब मिल जाती हैं. गोवा के बाद सबसे सस्ती शराब पॉन्डिचेरी में मिलती है. उसके बाद शराब के मामले में सस्ते राज्यों के कुछ नाम इस प्रकार हैं- दमन एंड दीव, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली.
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