Critical Minerals Auction: EV की बैटरी के प्रोडक्शन को मिलेगा बढ़ावा, लिथियम समेत 20 महत्वपूर्ण मिनरल्स के खनन के लिए सरकार मंगाएगी बोली
Lithium Production: भारत में लिथियम की बड़ी मांग बढ़ने की संभावना है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी बनाने के लिए लिथियम का इस्तेमाल किया जाता है.

Critical Minerals Auctioning: सरकार अगले दो हफ्ते में बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले 20 मिनरल ब्लॉक्स की बोली मंगाने वाली है जिसमें लिथियम और ग्रैफाइट माइन्स भी शामिल है. खनन सचिव वी एल कांता राव ने ये जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अति महत्वपूर्ण मिनल्स को लेकर पॉलिसी बनाने के बाद अब अगली कड़ी में इन मिनल्स के ब्लॉक्स की ऑक्शनिंग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार बोली मंगाने के लिए नोटिस जारी करने के तैयार है और अगले दो हफ्तें के भीतर 20 ब्लॉक्स की बोली मंगाने के लिए सरकार नोटिस जारी कर देगी.
खनन सचिव ने कहा कि 10 से 12 कंपनियों के पास महत्वपूर्ण खनिजों के प्रोडक्शन से लेकर प्रोसेस करने की टेक्नोलॉजी उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस ऑक्शनिंग से पहले एक वर्कशॉप का आयोजन कर सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ लाने का प्रयास किया जाएगा और इन मिनरल्स की माइनिंग और प्रोसेसिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति तैयार की जाएगी.
इससे पहले 11 अक्टूबर, 2023 को देश में पहली बार लिथियम (Lithium) नियोबियम (Niobium) और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) के ब्लॉक की नीलामी का रास्ता तब साफ हो गया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इन खनिजों के लिए रॉयल्टी दर को मंजूरी दे दी थी.
कैबिनेट ने लिथियम के रॉयल्टी दर के 3 फीसदी तय किया है जो लंदन मेटल एक्सचेंज ( London Metal Exchange) पर चल रही लिथियम की कीमतों पर वसूला जाएगा. भारत में लिथियम की बड़ी मांग बढ़ने की संभावना है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी बनाने के लिए लिथियम का इस्तेमाल किया जाता है. जम्मू कश्मीर में भारत ने लिथियम का बड़ा भंडार इस वर्ष फरवरी 2023 में खोल निकाला है. नियोबियम के रॉयल्टी को औसत सेल्स प्राइस का 3 फीसदी और रेयर अर्थ एलिमेंट्स की एक फीसदी रॉयल्टी दर तय करने का फैसला किया है.
कैबिनेट से नीलामी की मंजूरी मिलने के बाद ही इन मिनरल्स की नीलामी का रास्ता साफ हो सका है. तब सरकार ने कहा था कि रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले ये खनिज देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरुरी है. जुलाई में सरकार ने माइन्स एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (MMDR) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी थी. जिसके बाद लिथियम माइनिंग की नीलामी के लिए रास्ता साफ हो गया है और इनकी कमर्शियल माइनिंग हो सकेगी. निजी कंपनियां भी लिथियम की माइनिंग में हिस्सा ले पाएंगी.
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