मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इसे 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट को भी न बदलते हुए 3.35 फीसदी पर बनाए रखा है. ऐसा लगातार तीसरी बार हुआ है जब आरबीआई ने इनमें किसी भी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया है.


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों का ऐलान हो गया है. इस बैठक के नतीजों के मुताबिक आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे ये बात भी साफ हो गई कि लोन की ईएमआई भी कम नहीं होगी. दरअसल, जब तक आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रखता है तब तक लोन की EMI में कमी नहीं आएगी. दरअसल, रेपो रेट घटने या बढ़ने के कारण बैंक भी ब्याज दरें घटा या बढ़ा देते है.


इस दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जब तक आवश्यक हो, तब तक एक स्थिर रुख बना रहेगा. इसका मतलब है कि लोन ईएमआई भी कम नहीं होगी. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दो दिसंबर से शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक के बाद यथास्थिति बनाए रखने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया. रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है.


क्या है रेपो रेट?


रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI जरूरत पड़ने पर वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है और RBI इसे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करता है. वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों से उधार लेता है. वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बढ़िया तेजी देखने को मिल रही है.


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