नई दिल्लीः सरकार लोन मोरेटेरियम की अवधि और बढ़ा सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आरबीआई के साथ मिल कर टर्म लोन की री-स्ट्रक्चरिंग और उनकी मोरेटेरियम अवधि बढ़ाने पर विचार कर रही है. बैंक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत एमएसएमई को लोन देने से इनकार नहीं कर सकते. अगर कोई बैंक लोन देने में आनाकानी करता है तो इसकी रिपोर्टिंग होनी चाहिए. हमारा फोकस लोन की री-स्ट्रक्चरिंग पर होना चाहिए.


वित्त मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय री-स्ट्रक्चरिंग पर आरबीआई की साथ गंभीरता से विचार-विमर्श कर रहा है. फिक्की के साथ एक बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि इस विचार पर बातचीत चल रही है कि री-स्ट्रक्चरिंग होनी चाहिए.

बैंकरों ने किया विरोध, कहा मोरेटेरियम की अवधि न बढ़ाएं 

मएसएमई को लोन देने के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि बैंक एमएसएमई के लिए निर्धारित तीन लाख करोड़ रुपये में से 43.5 फीसदी लोन दे चुके हैं.

हालांकि इस मामले को लेकर अब बैंकर और सरकार आमने-सामने है. एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि मोरेटोरियम की अवधि अगस्त से आगे बढ़ाना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बैंक मानते हैं कि लोन में छूट की अवधि 31 अगस्त से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. हमारा मानना है कि लोन चुकाने की छूट देने के लिए छह महीने का वक्त काफी है.

एसबीआई के चीफ ने कहा, मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाना ठीक नहीं 

रजनीश कुमार के पहले एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने भी कहा था कि मोरेटोरियम की अवधि और नहीं बढ़ाई जानी चाहिए. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास से पारेख ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मोरेटोरियम की अवधि और नहीं बढ़ाई जानी चाहिए. कुछ लोग कर्ज चुकाने की स्थिति में होने के बावजूद लोन नहीं चुकाते हैं