Loan Settlement: लोन सेटलमेंट करना चाहते हैं तो जान लें इसके नुकसान! यहां पढ़ें सभी डिटेल्स
Loan Settlement Tips: अक्सर लोग लोन सेटलमेंट को लोन क्लोजर मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं. जब तक आप लोन की सभी किस्त चुका नहीं देते हैं तब तक लोन खत्म नहीं माना जाता है.
Loan Settlement Disadvantages: हमें जब भी घर खरीदना (Home Loan) होता है या पढ़ाई करनी (Education Loan) होती है, हम हमेशा बैंक से कर्ज लेने का ऑप्शन चुनते हैं. पिछले कुछ समय में रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अपने रेपो रेट (RBI Repo Rate) में लगातार बढ़ोतरी की है. इसका सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ा है. कई बार लोन लेने के कुछ समय के बाद लोग इसकी किस्त चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं.
ऐसे में बैंक ग्राहकों को टाइम सेटलमेंट यानी OTS का ऑप्शन देती है. वन टाइम सेटलमेंट (One Time Settlement) का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको रिकवरी एजेंट से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही हर महीने की ईएमआई देने की परेशानी से छूट मिलती है, लेकिन OTS के कुछ नुकसान भी हैं.
लोन सेटलमेंट क्या है?
अगर कोई व्यक्ति किसी बैंक से लोन लेने के बाद लगातार 91 दिन यानी 3 महीने तक किस्त जमा नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में उसके लोन को बैंक नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की कैटेगरी में डाल देता है. ऐसे में लोन लेने वाले व्यक्ति को बैंक नोटिस जारी करता है और पेमेंट के लिए कहता है.
इसके साथ ही बैंक अपने रिकवरी एजेंट को भी कस्टमर के घर पर भेजता है. इसके बाद भी पैसे वापस आने की संभावना नहीं रहती हैं तो बैंक ग्राहकों को वन टाइम सेटलमेंट का ऑप्शन देता है. इसमें बैंक अपने कर्ज की मूल राशि ले लेता है और बाकी बचे ब्याज दर और बाकी चार्जेस (Charges) को कम कर देता है या हटा देता है. इससे ग्राहक पर लोन का बोझ कम हो जाता है और वह पैसे जमा कर देता है.
लोन सेटलमेंट से होता है यह बड़ा नुकसान
अक्सर लोग लोन सेटलमेंट को लोन क्लोजर मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं. जब तक आप लोन की सभी किस्त चुका नहीं देते हैं तब तक लोन खत्म नहीं माना जाता है. लोन सेटलमेंट का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इससे कर्ज लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है. इसका सीधा असर यह पड़ता है कि आगे चलकर अगर आपको किसी प्रकार का लोन लेना हो तो दिक्कत होती है. इसका असर आपके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर अगले 7 सालों तक रहता है.
ग्राहकों के पास क्या है ऑप्शन
अगर आपकी आर्थिक स्थिति खराब है और आपने किसी प्रकार का लोन लिया है और उसका लोन सेटलमेंट करवा लिया है तो बाद में आप पैसे आने की स्थिति में लोन के ब्याज और बाकी चार्जेस को चुका दें. इससे आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) सही हो जाएगा और जब आप किसी भी जगह लोन लेने जाएंगे तो आपको लोन लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.
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