घरेलू म्यूचुअल फंड के निवेशकों को आने वाले दिनों में विदेशी म्यूचुअल फंड में निवेश का फायदा मिल सकता है. इसके लिए उन्हें अलग से किसी विदेशी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की भी जरूरत नहीं होगी. इसके लिए बाजार नियामक सेबी खास तैयारी कर रहा है.
अभी स्पष्ट नहीं है नियम
सेबी ने म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर शुक्रवार को कुछ नए प्रस्तावों की जानकारी दी. सेबी का प्रस्ताव है कि घरेलू म्यूचुअल फंड उन विदेशी फंड में निवेश कर पाएंगे, जो अपनी परिसंपत्ति का एक तय हिस्सा भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. अभी इस संबंध में नियम स्पष्ट नहीं हैं, जिसके चलते कई देशों के बास्केट में निवेश करने वाले विदेशी म्यूचुअल फंड या इंडेक्स फंड में घरेलू म्यूचुअल फंड निवेश नहीं कर पाते हैं.
बदलाव से मिलेगा ये फायदा
इस कमी को दूर करने के लिए सेबी ने नए प्रस्ताव दिए हैं. सेबी के ये प्रस्ताव जब अमल में आएंगे, तब घरेलू म्यूचुअल फंड कई विदेशी म्यूचुअल फंड या इंडेक्स फंड में निवेश कर पाएंगे, जिससे उनके निवेशकों को एक जगह निवेश करने पर ज्यादा डायवर्स पोर्टफोलियो का फायदा मिल पाएगा.
इससे ज्यादा नहीं हो एक्सपोजर
इसके लिए सेबी ने कुछ शर्तें भी प्रस्तावित की है. घरेलू म्यूचुअल फंड सिर्फ वैसे विदेशी फंड में ही निवेश कर पाएंगे, जिनका एक्सपोजर भारतीय प्रतिभूतियों में ज्यादा से ज्यादा 20 फीसदी हो. इसका मतलब हुआ कि सिर्फ उन विदेशी फंडों में पैसे डालने की मंजूरी मिलेगी, जो अपने पोर्टफोलियो के अधिकतम 20 फीसदी हिस्से को भारतीय बाजार में निवेश करते हैं.
इन शर्तों का भी किया प्रस्ताव
सेबी के प्रस्ताव के अनुसार, विदेशी म्यूचुअल फंड में सभी निवेशकों के योगदान को एक ही इन्वेस्टमेंट व्हीकल में साथ रखना होगा. इसके अलावा विदेशी म्यूचुअल फंड के कॉर्पस का एक कॉमन पोर्टफोलियो होना चाहिए और सभी निवेशकों को उनके योगदान के हिसाब से रिटर्न में हिस्सा मिलना चाहिए. विदेशी म्यूचुअल फंड के लिए इंडीपेंडेंट फंड मैनेजर के द्वारा प्रबंधित होने की भी शर्त है.
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