लॉकडाउन ने भारतीय उपभोक्ता की खरीदारी और उनकी उपभोग की आदतें बदल दी है. वे सुविधाजनक और साफ-सुथरे तरीके से खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं. भारतीय उपभोक्ताओं की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है उनका स्वास्थ्य और साफ-सफाई.  ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक उपभोक्ताओं की खरीदारी सूची में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले चीजें, पैकेटबंद खाना, डिजिटल सर्विसेज, गोल्ड लोन और अप्लायंस शामिल हैं.


उपभोक्ताओं की ओर से इम्यूनिटी बूस्टर को प्राथमिकता देने का फायदा डाबर और द हिमालयन ड्रग कंपनी को मिला है. उनके च्‍यवनप्राश जैसे इम्यूनिटी बूस्टर की बिक्री बढ़ी है. च्‍यवनप्राश की बिक्री 283 फीसदी और शहद की 39 फीसदी बढ़ी है. अप्रैल-जून के दौरान कुछ एक कंपनियों की च्‍यवनप्राश की बिक्री तो 700 फीसदी तक बढ़ी है.


पैकेटबंद खाना और ऑनलाइन सर्विसेज की मांग बढ़ी


उपभोक्ताओं के बीच पैकेटबंद खाना भी लोकप्रिय हो रहा है. नेस्ले जैसी कंपनियों के पैकेटबंद फूड की बिक्री बढ़ी है. मार्च तिमाही में नेस्‍ले इंडिया की रेवेन्‍यू ग्रोथ 10.7 फीसदी रही है. इसके इंस्‍टेंट मैगी नूडल्‍स की भारी बिक्री हुई है. अप्रैल और मई के दौरान पार्ले प्रोडक्‍ट्स के पार्ले-जी बिस्‍कुट की बिक्री में भी रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई. सरकारी एजेंसियों और एनजीओ ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों लोगों को ये बिस्‍कुट बांटे.


पैकेटबंद खाने की बिक्री बढ़ने से ब्रिटानिया इंडस्‍ट्रीज को भी काफी फायदा हुआ. ऑनलाइन सर्विसेज की मांग भी खूब बढ़ी. खास कर ऑनलाइन एजुकेशन ऐप और क्लासेज की. एजुकेशन स्‍टार्टअप BYju's का इस्‍तेमाल करने वाले नए स्‍टूडेंट की संख्‍या बढ़ी. इसकी पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न के मुताबिक अप्रैल- जून के दौरान BYJu's से  जुड़ने वाले छात्रों की संख्‍या में तीन गुना का इजाफा हुआ.


गोल्ड लोन और अप्लायंस की मांग में इजाफा


फ्लिपकार्ट के मुताबिक बताया लैपटॉप सर्च में दोगुना बढ़त देखी गई. इसके साथ ही गोल्ड लोन की मांग भी काफी बढ़ी है. सोना महंगा होने का लोग फायदा उठा रहे हैं. लोग पुराने कर्जे चुकाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.  लॉकडाउन ने लोगों को घरों पर रहने को मजबूर किया. इस वजह से घर में खाना बनाने का भी चलन बढ़ा. इस वजह खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले और घरेलू काम में इस्तेमाल होने वाले अप्लायंस की बिक्री बढ़ी है.