लॉकडाउन के दौरान देश में लोगों की बचत में इजाफा हुआ है. 2014 से 2019 के घरेलू बचत की दर में गिरावट आई थी लेकिन 2020 में इसमें अतिरिक्त 200 अरब डॉलर का इजाफा दर्ज किया गया. विदेशी ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड के मुताबिक बचत का ज्यादा हिस्सा कैश में है. लॉकडाउन के महीनों में कैश में बचत दर में 135 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.


कैश बचत में सबसे ज्यादा इजाफा 


रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान लोगों ने कम खर्च किया और बचत में इजाफा किया. इस वजह से फाइनेंशियल एसेट्स में सेविंग की दर बढ़ी.जीडीपी की तुलना में इसका अनुपात 2008-09 के वित्तीय संकट के दौर से पहले के स्तर पर पहुंच गया. रिपोर्ट के मुताबिक घरों में जमा हुई बचत का ग्रॉस कैपिटल फॉरमेशन यानी जीएसएफ में 58 फीसदी हिस्सेदारी है वहीं कॉरपोरेट की इसमें हिस्सेदारी 32 फीसदी है. ऐतिहासिक तौर पर इकनॉमी के ग्रॉस कैपिटल फॉरमेशन में घरेलू बचत की हिस्सेदारी एक तिहाई रही है.


शेयर बाजार में भी आया बचत का पैसा 


रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजार में निवेश बढ़ा है लेकिन यह कुल बचत का पांच फीसदी से भी कम है. लेकिन यह पांच फीसदी भी पिछले दो साल के एफपीआई निवेश से ज्यादा है, जबकि एफपीआई का निवेश 2020 में 25 फीसदी तक बढ़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल बचत का 14-14 फीसदी बैंक डिपोजिट, इंश्योरेंस/सेविंग्स में है. 19 फीसदी सरकारी बचत योजनाओं में 135 फीसदी कैश में है.


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