Earthquake Insurance: भूकंप से हुआ मकान-दुकान को नुकसान, तो हो जाएगी भरपाई, बस करना होगा ये छोटा काम
Earthquake Insurance Cover: भूकंप, बाढ़, भूस्खलन आदि जैसी प्राकृतिक आपदाएं बड़े पैमाने पर जान और माल का नुकसान करती हैं. ऐसी आपदाओं में एक झटके में लाखों लोग बेघर हो जाते हैं...
Earthquake Insurance In India: लोग सालों की कमाई से पाई-पाई पैसे बचाकर अपने घर का सपना पूरा करते हैं. अपना घर आश्रय तो देता ही है, साथ ही भावनात्मक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करता है. लेकिन क्या हो कि किसी प्राकृतिक आपदा में आपका घर टूट जाए? आपने देखा ही होगा कि अक्सर भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं एक झटके में हजारों-लाखों लोगों को बेघर कर देती हैं और पल भर में लोग सड़क पर आ जाते हैं. इस तरह की परेशानियों से बचने के उपाय भी मौजूद हैं और आज हम आपको वही बताने जा रहे हैं.
होम इंश्योरेंस क्या होता है?
आज के समय में कई बीमा कंपनियां होम व शॉप इंश्योरेंस जैसे प्रोडक्ट उपलब्ध कराती हैं. इस तरह के इंश्योरेंस आपके घर व दुकान के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह हैं. ये घर या घर में रखे सामान को नुकसान पहुंचने की सूरत में आपको लगने वाले वित्तीय झटके को कम करते हैं. घर को बाढ़, भूकंप, आग और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं या फिर चोरी, डकैती और दंगे जैसी वजहों से नुकसान पहुंच सकता है. ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी आपके नुकसान की भरपाई करती है. होम इंश्योरेंस जैसे प्रोडक्ट आपके घर को सुरक्षा कवच देकर आपको टेंशन फ्री रखने में मदद करते हैं.
होम इंश्योरेंस में क्या कवर होता है?
आम तौर पर होम इंश्योरेंस दो तरह के होते हैं. पहला घर का इंश्योरेंस और दूसरा घर में रखे सामान का इंश्योरेंस. घर में रखे सामान के इंश्योरेंस में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, फर्नीचर, गहने और अन्य कीमती सामान कवर होते हैं. इसे कंटेंट इंश्योरेंस कहते हैं. वहीं, दूसरे तरह के बीमे में घर यानी इमारत को होने वाला नुकसान कवर होता है. इसे स्ट्रक्चर इंश्योरेंस कवर कहते हैं. इसके अलावा, कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस का भी विकल्प है, जिसमें घर और सामान दोनों का बीमा साथ होता है.
होम इंश्योरेंस किन्हें लेना चाहिए?
अभी पूरी दुनिया अलग तरीके के बदलाव से गुजर रही है. आए दिन भूकंप आ रहे हैं. कहीं भूस्खलन की समस्या परेशान कर रही है. हाल ही में आपने जोशीमठ के लोगों को बेघर होते देखा होगा. ऐसे में घर के लिए उचित कवर लेना सही फैसला साबित हो सकता है. लोकेशन को ध्यान में रखकर बीमा लेना जरूरी है. स्ट्रक्चर पॉलिसी जितनी जरूरी है, घर में रखे सामान के लिए बीमा लेना भी उतना ही अहम है. कई पॉलिसियों में प्राकृतिक आपदा और अन्य वजहों के अलावा आतंकी घटनाओं से होने वाली हानि भी सम्मिलित रहती है.
सबके लिए जरूरी है होम इंश्योरेंस?
घर खरीदना जीवन के सबसे बड़े खर्चों में से एक है. ऐसे में इस निवेश को सुरक्षित रखना जरूरी है. कभी-कभी बैंक भी होम लोन के साथ होम इंश्योरेंस लेने का दबाव बनाते हैं. कहते हैं कि अगर इंश्योरेंस नहीं लिया तो कर्ज नहीं मिलेगा. हालांकि, होम इंश्योरेंस लेना अनिवार्य नहीं है, क्योंकि न तो कानूनन, और न ही RBI और इरडा जैसे नियामकों ने इसे अनिवार्य बनाया है. दरअसल, होम इंश्योरेंस का मकसद मुश्किल वक्त में आपकी पूंजी को सुरक्षित करना है, इस कारण यह अपने आप जरूरी हो जाता है.
कितनी अवधि का कराएं बीमा?
आप एक या उससे ज्यादा सालों के लिए होम इंश्योरेंस खरीद सकते हैं. घर खरीदते समय आपको लंबी अवधि का बीमा खरीदने की भी सलाह दी जाती है. स्ट्रक्चर यानी ढांचे के लिए, 1 से 30 साल, सामानों के लिए 1 से 5 साल और संयुक्त रूप से दोनों के लिए 1 से 5 साल की पॉलिसी खरीदी जा सकती है.
कितना होता है होम इंश्योरेंस का प्रीमियम?
होम इंश्योरेंस पॉलिसी आपके मकान और उससे जुड़ी वस्तुओं को किफायती प्रीमियम पर सुरक्षा देती हैं. भारत गृह रक्षा पॉलिसी एक स्टैंडर्ड पॉलिसी है. विभिन्न बीमा कंपनियां ये बीमा उपलब्ध कराती हैं. इसमें घर और घर के सामान दोनों कवर होते हैं. इसका प्रीमियम 2,500 रुपये से 5 हजार रुपये तक है. आप विभिन्न कंपनियों के प्रोडक्ट और उनके फीचर्स को कंपेयर कर अपने लिए सबसे अनुकूल बीमा खरीद सकते हैं.
ये भी पढ़ें: अडानी को यहां से लगेगा अगला झटका? जानें क्या है इस रेटिंग एजेंसी का इशारा