Public Accounts Committee: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर हाल ही में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) में कई आरोप जड़े गए थे. माधबी पुरी बुच ने तत्काल इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि ये सभी आरोप दुर्भावना से लगाए गए थे. इसके बाद कई दिनों तक यह मामला ठंडा पड़ा रहा. अब संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) ने सेबी चीफ को सम्मन भेजा है. उन्हें पीएसी के सामने 24 अक्टूबर को पेश होना पड़ेगा.
डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स और डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू को भी सम्मन
पीएसी (Public Accounts Committee) ने माधबी पुरी बुच के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (Department of Economic Affairs) और डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू (Department of Revenue) के अधिकारियों को भी सम्मन भेजा है. पीएसी में 22 सांसद होते हैं. इनमें से कोई भी सरकार का मंत्री नहीं होना चाहिए. यह समिति भारत सरकार के खर्चों और रेवेन्यू का ऑडिट करती है. पीएसी में 15 सदस्य लोकसभा (Lok Sabha) और 7 राज्यसभा (Rajya Sabha) के सांसद होते हैं. यह समिति सीएजी (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट का के आधार पर सरकारी आय और व्यय का निरीक्षण करती है. फिलहाल पीएसी की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) के हाथों में है. इसमें सरकार और विपक्ष के सांसद शामिल हैं.
अडानी ग्रुप, माधबी पुरी बुच और धवल बुच के बीच सांठगांठ के लगाए थे आरोप
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अडानी ग्रुप (Adani Group), माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) के बीच सांठगांठ के आरोप लगाए थे. हिंडनबर्ग का आरोप था कि इन दोनों ने अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड्स में निवेश किया हुआ है. यही वजह है कि सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की. इन आरोपों को अडानी ग्रुप ने भी नकार दिया था. उधर, मनी कंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीएसी ने ट्राई (TRAI) के अधिकारियों को भी सम्मन भेजा है.
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