दवा कंपनी वॉकहार्ट (Wockhardt) मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया जारी की है. कंपनी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और भ्रामक बताते हुए शेयरधारकों को भरोसा दिलाया है कि वह सभी नियमों-कानूनों का सही से पालन करती है.


शेयर बाजारों को कंपनी ने भेजा रिस्पॉन्स


वॉकहार्ट ने प्रतिक्रिया को लेकर शेयर बाजारों को एक रेगुलेटरी फाइलिंग के साथ अपना स्टेटमेंट भेजा है. स्टेटमेंट में वॉकहार्ट ने अपनी सहयोगी कंपनी कैरोल इंफो सर्विसेज लिमिटेड के द्वारा किए गए रेंट के पेमेंट से जुड़े आरोपों को गलत बताया. साथ ही कंपनी ने उसे बाजार नियामक सेबी द्वारा दिए गए आदेश से जोड़े जाने की बात को भी खारिज किया. कांग्रेस के आरोप के बाद शुक्रवार को दवा कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई थी.


कंपनी ने शेयरधारकों को दिलाया भरोसा


कंपनी ने अपने बयान में कहा- हम इस संबंध में सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं और कहते हैं कि सारे आरोप पूरी तरह से आधारहीन और भ्रामक हैं. साथ ही कंपनी ने अपने शेयरधारकों को भरोसा दिलाने का भी प्रयास किया. उसने कहा कि वह अपने ऊपर लागू सभी कानूनी शर्तों का पालन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आगे भी कानून के दायरे में वह काम करती रहेगी.


कांग्रेस के द्वारा लगाए गए थे ये आरोप


वॉकहार्ट का यह बयान कांग्रेस के मीडिया एंड पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के हेड पवन खेड़ा के द्वारा शुक्रवार को लगाए गए आरोपों के बाद आया है. पवन खेड़ा ने आरोप लगाया था कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान वॉकहार्ट से जड़ी कंपनी कैरोल इन्फो सर्विसेज लिमिटेड नाम की एक कंपनी से करीब 2.17 करोड़ रुपये किराए के रूप में मिले, जब वह पहले सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं और बाद में चेयरपर्सन बन गईं. उन्होंने साथ ही जोड़ा था कि 2023 में विभिन्न मामलों को लेकर सेबी में वॉकहार्ट की जांच चल रही थी.


आरोप के बाद शेयरों पर लगा लोअर सर्किट


कांग्रेस के द्वारा लगाए गए आरोपों से वॉकहार्ट के शेयरों पर असर पड़ गया था. शुक्रवार को दवा कंपनी के शेयर पर लोअर सर्किट लग गया था. वॉकहार्ट का शेयर 5 फीसदी गिरकर 1,034.55 रुपये पर बंद हुआ था. आरोप सामने आने से पहले वॉकहार्ट के शेयर 52 सप्ताह के उच्च स्तर के पास ट्रेड कर रहे थे.


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