DBS and Lakshmi Vilas Bank: प्राइवेट सेक्टर के डीबीएस बैंक इंडिया (DBS Bank India) और लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) का एकीकरण हो चुका है. अब मद्रास हाईकोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को आदेश दिया है कि वह इन दोनों बैंक के मर्जर से पहले के एसेट का वैल्यूएशन करे. इस वैल्यूएशन के जरिए पता लगाया जा सकेगा कि मर्जर का स्टेकहोल्डर्स पर क्या प्रभाव पड़ा है. आरबीआई इन दोनों बैंकों के नवंबर, 2020 से पहले के शेयर और एसेट का पूरा वैल्यूएशन करके कोर्ट को चार महीने के अंदर विवरण सौंपेगा.
शेयरहोल्डर्स और बॉन्डहोल्डर्स की समस्यायों पर दिया आदेश
कोर्ट के आदेश पर आरबीआई शेयर वैल्यू में गिरावट और टियर 2 बांड्स के राइट ऑफ पर अपना निर्णय देगा. मद्रास हाईकोर्ट ने यह आदेश लक्ष्मी विलास बैंक के बॉन्ड होल्डर्स और माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की एक याचिका पर दिया है. उन्होंने अपने इनवेस्टमेंट को राइट ऑफ किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी. डीबीएस बैंक इंडिया के साथ विलय से पहले एलवीबी पर लगाई गई रोक के चलते यह स्थिति पैदा हुई थी. हालांकि, कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि इस आदेश का विलय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह सिर्फ निवेशकों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास है. आरबीआई भी शेयरहोल्डर्स और बॉन्डहोल्डर्स की समस्यायों को दूर करने की कोशिश करेगा.
विभिन्न हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने केस किए थे ट्रांसफर
डीबीएस बैंक इंडिया और लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर के बाद कई केस फाइल हुए थे. यह सभी केस देश के विभिन्न हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में मद्रास है कोर्ट को ट्रांसफर कर दिए थे. अब मद्रास हाई कोर्ट का यह आदेश मर्जर से प्रभावित हुए स्टेकहोल्डर्स की समस्याओं को सुलझाने का एक प्रयास माना जा रहा है. आरबीआई द्वारा पारदर्शी और निष्पक्ष वैल्यूएशन से पता लगाया जा सकेगा कि मर्जर के दौरान सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ न्याय किया गया था.
ये भी पढ़ें
Multibagger Stock: एक साल में 2000 फीसदी रिटर्न दे गई मुनाफे के रथ पर सवार यह छोटी कंपनी