महाकुंभ से आस्था ही नहीं अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी, 4 लाख करोड़ खर्च करने को तैयार हैं श्रद्धालु
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आज से शुरू हुए महाकुंभ मेले का असर देश की इकोनॉमी पर भी होगा. इससे जीडीपी ग्रोथ में 1 परसेंट तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आज महाकुंभ मेले का आगाज हो चुका है, जिसमें देश और दुनिया से करोड़ों की तादात में साधु-संत व श्रद्धालुओं का जमावड़ा होगा. महाकुंभ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के साथ ही साथ इसका देश की इकोनॉमी पर भी तगड़ा असर पड़ता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल महाकुंभ मेले से 4 लाख करोड़ से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है.
महाकुंभ से प्रदेश की इकोनॉमी पकड़ेगी रफ्तार
45 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में संगम किनारे 40 करोड़ से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद है. महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने 7,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. करीब 4,000 हेक्टेयर में आयोजित इस महापर्व का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल आयोजित हुए महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी में 2 लाख करोड़ रुपये जुड़ सकते हैं. अनुमानित तौर पर यहां जुटने वाले 40 करोड़ लोग औसतन 5,000 रुपये खर्च करते हैं. इससे प्रदेश सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये की कमाई होगी.
देश की GDP भी बढ़ेगी
न्यूज एजेंसी IANS ने इंडस्ट्री के जानकारों के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि इस साल महाकुंभ के मेले में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 10,000 रुपये तक भी पहुंच सकता है, ऐसे में 2 लाख करोड़ का आंकड़ा 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इससे नॉमिनल के साथ-साथ रियल GDP में भी 1 परसेंट तक की बढोतरी की उम्मीद है.
2019 के अर्धकुंभ में हुआ था इतना मुनाफा
सीएम योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि 2019 में प्रयागराज में हुए अर्धकुंभ मेले से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी में 1.2 लाख करोड़ रुपये जुड़े थे, उस दौरान लगभग 24 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे. जबकि इस साल 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिससे 2 लाख करोड़ रुपये तक कमाई होने की उम्मीद है.
इन सभी चीजों पर लोग करेंगे खर्च
इस साल आस्था का महापर्व इसलिए भी खास है क्योंकि 12 साल के बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में 144 साल का अद्भुत संयोग बन रहा है. इसमें सिर्फ देश से ही नहीं, बल्कि रूस, अमेरिका जैसे देशों से भी भक्तों का तांता लगेगा. इस दौरान लोग पैकेज्ड फूड सहित पानी, बिस्किट के अलावा दीपक, तेल, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकें जैसी कई चीजें खरीदेंगे. इसके अलावा, लॉजिंग व ट्रैवलिंग पर भी खूब खर्च होगा, जिससे प्रदेश के साथ-साथ देश की इकोनॉमी भी रफ्तार पकड़ेगी.
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