20 हजार करोड़ की संपत्ति, फैशन में भी नहीं कोई जवाब; कुछ ऐसी है जयपुर के महाराजा की लाइफस्टाइल
जयपुर के महाराज कहे जाने वाले पद्मनाभ सिंह की के पास करोड़ों की संपत्ति है. इन्होंने पोलो खेल महारथ हासिल की है. साथ ही फैशन के मामले में भी इनका कोई जवाब नहीं है.
Maharaja Padmanabh Singh Lifestyle: भारत का इतिहास राजा-महाराजाओं वाला रहा है. कई राजाओं के वंशज आज भी मौजूद हैं और एक लग्जरी लाइफ व्यतीत करते हैं. इनके पास सिर्फ बेशुमार दौलत ही नहीं बल्कि कई महंगी और लग्जरी चीजें हैं. साथ ही एक शानदार हवेली जैसा घर भी है. आज हम एक ऐसे ही महाराजा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जयपुर का महाराजा कहा जाता है.
हम बात कर रहे हैं महाराजा पद्मनाभ सिंह की, जिनके राजघराने ने सदियों पुरानी वंशावली के साथ क्षेत्र के इतिहास और पहचान को नया आकार दिया है. "गुलाबी शहर" शाही परिवार के महल, किले और जटिल वास्तुकला राजसी वैभव और वीरता की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है. इसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से और विदेशों से लोग आते हैं.
महाराजा पद्मनाभ सिंह की 2011 में हुई थी ताजपोशी
जयपुर शाही परिवार के वंशज महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह न केवल राजाओं के खेल पोलो में अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं, बल्कि अपनी शानदार जीवनशैली और वैश्विक फैशन स्वभाव के लिए भी फेमस हैं. पद्मनाभ सिंह के वंश का पता जयपुर के शाही परिवार से लगाया जा सकता है. इनके परदादा ब्रिटिश राज में रियासत के अंतिम शासक महाराजा थे. 2011 में अपने दादा के निधन के बाद पद्मनाभ को 12 साल की उम्र में अनौपचारिक रूप से "जयपुर के महाराजा" का ताज पहनाया गया.
22 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक
पद्मनाभ सिंह जयपुर के शाही परिवार के 303वें वंशज हैं. पद्मनाभ सिंह की उम्र महज 22 साल है, लेकिन वह करीब 20 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं. भारतीय राजनीतिज्ञ दीया कुमारी और उनके पति नरेंद्र सिंह के घर जन्मे युवा पद्मनाभ शुरू से ही चर्चा में रहे. उनके चाचा जयपुर के अंतिम शासक महाराज भवानी सिंह थे. पद्मनाभ सिंह ने अजमेर के फेमस मेयो कॉलेज और इंग्लैंड के प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल मिलफील्ड से शिक्षा ली है.
पोलो से बनाई पहचान
पोलो इस युवा राजा के खून में दौड़ता है, जिसने अंतरराष्ट्रीय पोलो सर्किट पर एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी है. पोलो खिलाड़ी के रूप में उनकी यात्रा 2015 में इंग्लैंड में शुरू हुई, जहां वह विंडसर में गार्ड्स पोलो क्लब के सदस्य बन गए. उन्होंने 2017 में हर्लिंगम पार्क की ऐतिहासिक यात्रा में भारतीय नेशनल टीम की कमान संभाली, जो 70 से अधिक वर्षों में वहां जाने वाली पहली भारतीय टीम थी. उनके दादा इससे पहले कमान संभाल चुके थे और वे चार्ल्स हैरी जैसे लोगों के साथ खेले थे. पोलो मैदान पर उनके कौशल के लिए 2018 में फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया सूची में उनका नाम दर्ज हुआ था.
कितनी है शाही परिवार की संपत्ति
शाही परिवार की संपत्ति लगभग 697 मिलियन डॉलर से 2.8 अरब डॉलर आंकी गई है. महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने ग्लोबल स्तर पर भी अपनी एक पहचान बनाई है. पर्यटकों के लिए जयपुर में अपने शानदार सिटी पैलेस के दरवाजे खोले हैं. यहां जीवनशैली जीने का मौका दिया जाता है.
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