महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई मेट्रो वन में अनिल अंबानी की कंपनी की हिस्सेदारी के सौदे को मंजूरी दे दी है. राज्य के मंत्रिमंडल ने यह मंजूरी इसी सप्ताह दी. इसके बाद अब मुंबई मेट्रो वन में अनिल अंबानी की हिस्सेदारी बिकने का रास्ता साफ हो गया है और इसके साथ ही उन्हें डील से हजारों करोड़ रुपये भी मिलने वाले हैं.
पीपीपी के तहत बनी है परियोजना
मुंबई मेट्रो वन एक पीपीपी यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट है. पीपीपी प्रोजेक्ट उन परियोजनाओं को कहा जाता है, जिनमें सरकार और निजी सेक्टर दोनों की हिस्सेदारी होती है. मुंबई मेट्रो वन में सरकारी हिस्सेदारी मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एमएमआरडीए के माध्यम से है. एमएमआरडीए के पास मुंबई मेट्रो वन में 26 फीसदी हिस्सेदारी है.
अनिल अंबानी के पास इतना हिस्सा
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड भी मुंबई मेट्रो वन में पार्टनर है. रिलायंस इंफ्रा के पास मुंबई मेट्रो वन की 74 फीसदी हिस्सेदारी है. अब इस हिस्सेदारी को भी सरकार खरीदने वाली है. उसके बाद मुंबई मेट्रो वन पूरी तरह से सरकारी प्रोजेक्ट हो जाएगा. प्रोजेक्ट में अनिल अंबानी की कंपनी की हिस्सेदारी की वैल्यू 4000 करोड़ रुपये आंकी गई है.
मुंबई की पहली मेट्रो परियोजना
मुंबई मेट्रो वन देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर मुंबई की पहली मेट्रो परियोजना है. इस परियोजना को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल पर 2007 में शुरू किया गया. इसका परिचालन मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी करती है, जो एमएमआरडीए और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की संयुक्त कंपनी है.
इस तरह से निकाली गई वैल्यू
मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड में अनिल अंबानी की कंपनी की हिस्सेदारी की वैल्यू एक पैनल रिपोर्ट में तैयार की गई. सेवानिवृत्त आईएएस ऑफिसर एवं पूर्व मुख्य सचिव जॉनी जोसेफ की अगुवाई वाले पैनल ने वैल्यू निकालने के लिए डिस्काउंटेड कैश फ्लो मॉडल का इस्तेमाल किया. इस तरह अनिल अंबानी के 74 फीसदी हिस्से की वैल्यू 4000 करोड़ रुपये निकाली गई, जिसे महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में मंजूरी दे दी.
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