Direct Tax Collection Data: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भले ही आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) के मामले में ये देश के दूसरे कई राज्यों से बहुत पीछे है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने टैक्स कलेक्शन का जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उत्तर प्रदेश ने केवल 48,333.44 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. जबकि आबादी के मामले देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य बिहार (Bihar) का वित्त वर्ष 2023-24 में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6692.73 करोड़ रुपये रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 के 6845.32 करोड़ रुपये से कम है. 


टैक्स देने में महाराष्ट्र नंबर वन


सीबीडीटी ने डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को लेकर टाइम सीरीज डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों को मिलाकर 19.62 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स की वसूली की गई. आप ये जानकार हैरान हो जायेंगे कि इसमें सबसे बड़ा योगदान महाराष्ट्र (Maharastra) का है. इस वित्त वर्ष में महाराष्ट्र से 7,61,716.30 करोड़ रुपये (7.62 लाख करोड़ रुपये) डायरेक्ट टैक्स आया है. यानि कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में अकेले महाराष्ट्र का योगदान 39 फीसदी है. सरकार के खजाने में डायरेक्ट टैक्स के रूप में उत्तर प्रदेश से 15 गुना ज्यादा टैक्स महाराष्ट्र से आता है.


डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में इनकम टैक्स (Income Tax), कॉरपोरेट टैक्स (Corporatae Tax) और सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) आता है. 


कर्नाटक-दिल्ली दूसरे तीसरे नंबर पर 


महाराष्ट्र के बाद डायरेक्ट टैक्स देने के मामले में दूसरा स्थान कर्नाटक (Karnataka) का है. वित्त वर्ष 2023-24 में कर्नाटक ने 2.35 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स के रूप में चुकाया है. तीसरे स्थान पर दिल्ली (Delhi) है जिसने डायरेक्ट टैक्स के तौर पर 2.03 लाख करोड़ रुपये का योगदान खजाने में दिया है. चौथे स्थान पर तमिलनाडु (Tamilnadu) है जिसने 1.27 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स के तौर पर वित्त वर्ष 2023-24 में चुकाया है.


93300 करोड़ रुपये के योगदान के साथ गुजरात (Gujarat) पांचवें स्थान पर और 84,439 करोड़ रुपये की वसूली के साथ तेलंगाना (Telangana) छठे स्थान पर है. इसके बाद हरियाणा (Haryana) सातवें नंबर पर है. हरियाणा ने 70,947.31 करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स के मद में अपना योगदान दिया है. इसके बाद 60,374.64 करोड़ रुपये के साथ पश्चिम बंगाल (West Bengal ) आठवें नंबर पर है.  


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