महात्मा गांधी की गिनती पिछली सदी के महानतम इंसानों में की जाती है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में गांधी के फॉलोअर बड़ी संख्या में हैं. मार्टिन लुथर किंग जूनियर से लेकर नेल्सन मंडेला और बराक ओबामा तक गांधी से प्रभावित रहे हैं. महात्मा गांधी के उपदेश पूरी दुनिया में कइयों के जीवन को बदलने में प्रेरक साबित होते हैं. आइए उनकी इस जयंती पर जानते हैं कि उनके उपदेश आपके फाइनेंशियल लाइफ के लिए किस तरह से उपयोगी साबित हो सकत हैं...
आईसीआईसीआई बैंक का कैंपेन
देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक ने गांधी जयंती 2023 के मौके पर एक खास कैंपेन तैयार किया है. उस कैंपेन में प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बैंक ने महात्मा गांधी के फाइनेंशियल विज्डम के बारे में बताया है. कैंपेन में आईसीआईसीआई बैंक ने महात्मा गांधी के प्रसिद्ध कथनों का सहारा लिया है और उनकी तर्ज पर फाइनेंस की उक्तियां तैयार की है.
गांधी के ये 3 बड़े उपदेश
1: सबसे पहले महात्मा गांधी का वो फैमस कोटेशन है, जिसमें गांधी कहते हैं कि दुनिया में हर किसी की जरूरत के लिए तो पर्याप्त चीजें हैं, लेकिन लालच के लिए नहीं. इसकी तर्ज पर बैंक बताता है कि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए इच्छाओं पर जरूरतों को प्राथमिकता देनी चाहिए.
2: गांधी कहते हैं- ताकत शारीरिक क्षमता से नहीं आती है, बल्कि यह इच्छाशक्ति पर निर्भर करती है. आईसीआईसीआई बैंक उस तर्ज पर बताता है- वित्तीय ताकत बैंक बैलेंस से नहीं आती है, बल्कि वित्तीय योजना यानी फाइनेंशियल प्लानिंग से आती है.
3: गांधी कहते हैं- भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या करते हैं. आईसीआईसीआई बैंक विस्तार देता है- अपने फाइनेंशियल फ्यूचर के लिए आज बचत और निवेश करें.
देश के सबसे बड़े बैंक का ब्लॉग
वैल्यू के हिसाब से देश का सबसे बड़ा बैंक बन चुका एचडीएफसी बैंक भी एक ब्लॉग में गांधी से मिलने वाली फाइनेंशियल सीख के बारे में बताता है. बैंक कहता है कि गांधी के जीवन से स्व अनुशासन और धैर्य की सीख मिलती है. वित्तीय मामलों में आजादी के लिए हर किसी को इन दो गुणों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.
बिना भरोसे के मुश्किल है काम
जैसे गांधी भरोसे को महत्वपूर्ण बनाते हैं, फाइनेंशियल जर्नी में भी यह अहम हो जाता है. भरोसा किए बिना लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टमेंट में सफलता नहीं मिल सकती है. गांधी बताते हैं कि छोटे-छोटे कदमों से बड़ी मंजिलें हासिल होती हैं. यह फाइनेंशियल मामले में भी लागू होता है. छोटे-छोटे लेकिन नियमित निवेश के जरिए कुछ सालों में करोड़ों का फंड बनाना संभव हो जाता है.
तो आइए गांधी जयंती के इस मौके पर उनके फाइनेंशियल विज्डम को आत्मसात करें और जिस तरह से उनके विचारों से देश को आजादी मिली, हमें भी वित्तीय आजादी पाने में मदद मिले.
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