Mahindra & Mahindra: भारतीय ऑटोमेकर महिंद्रा एंड महिंद्रा के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि आ गई है और कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस गौरवशाली पल के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है. वर्ल्ड बैंक ग्रुप की आर्म IFC महिंद्रा एंड महिंद्रा की ईवी यूनिट में 6 अरब डॉलर या 600 करोड़ डॉलर का निवेश करने जा रही है. वर्ल्ड बैंक की आर्म आईएफसी Mahindra Last Mile Mobility जो कि एमएंडएम के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है, में कंपल्सरी कन्वर्टिबल इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में इस रकम को निवेश किया जाएगा.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दी निवेश के बारे में जानकारी
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आज इसके बारे में जानकारी दी और अपने बयान में कहा है कि विश्व बैंक की निजी निवेश शाखा- इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्प (आईएफसी) ने 6 अरब डॉलर (72.58 लाख डॉलर) की राशि एमएंडएम की लास्ट माइल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी यूनिट में निवेश करने पर हामी भर दी है. ये 600 करोड़ रुपये का निवेश नयी कंपनी में आईएफसी को 9.97 प्रतिशत से 13.64 प्रतिशत के बीच का मालिकाना हक प्रदान करेगा.
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके जताई खुशी
आनंद महिंद्रा ने इस करार के बाद एक ट्वीट के जरिए अपनी खुशी जताई है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि ' यह सिर्फ हमारे अकेले की बात नहीं है. जब एक विश्वसनीय ग्लोबल निवेशक इस तरह का फैसला लेता है, तो यह 'लास्ट माइल' विद्युतीकरण में भारत की प्रगति का एक वसीयतनामा बन जाता है. साथ ही ये देश के नीतिगत परिदृश्य के लिए एक सत्यापन के तौर पर पर भी है. इससे एक स्थायी भविष्य का दृढ़ता से समर्थन करने का भरोसा मिलता है.'
लास्ट माइल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी यूनिट के बारे में जानें
आईएफसी और लास्ट माइल मोबिलिटी डिवीजन के साथ से एक नई कंपनी बनेगी जिसमें थ्री-व्हीलर्स (अल्फा, ट्रियो, जोर) और फोर व्हीलर्स SCV (जीतो) को शामिल किया जाएगा. आईएफसी की फाइनेंसिंग के जरिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के सेगमेंट में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बूस्ट मिलेगा. पैसेंजर और कार्गो सेगमेंट्स के लिए न्यू जेनरेशन प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट और मैन्यूफैक्चरिंग को कामयाब किया जा सकेगा.
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर पर बढ़ रहा फोकस
गौरतलब है कि वर्ल्ड बैंक की आर्म आईएफसी का ये भारत में किसी इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकर कंपनी में पहला निवेश है, ये इस बात का भी संकेत है कि ईवी सेक्टर को सरकारी मदद मिल रही है.
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