Work Life balance: बॉस की बातें सुनकर पहले दिन ही छोड़ दी नौकरी, नहीं मंजूर थीं ऐसी शर्तें
Toxic Work Culture: इस शख्स ने अपनी कहानी रेडिट पर लिखी है. सोशल मीडिया यूजर इस निर्णय के कारण जानकर उनकी बहुत तारीफ कर रहे हैं.
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Toxic Work Culture: सोशल मीडिया की वजह से अब कंपनियों और बिजनेस की लगातार ऐसी जानकारियां भी सामने आ जाती हैं, जिन्हें पहले मंच नहीं मिल पाता था. हाल ही में हमने ईवाई इंडिया (EY India) की कर्मचारी एना सेबेस्टियन पेराइल (Anna Sebastin Perayil) और बजाज फाइनेंस के तरुण सक्सेना (Tarun Saxena) के दुखद मौत देखी. इन दोनों की मौत का जिम्मेदार कंपनियों में बढ़ता जा रहा जहरीला वर्क कल्चर माना जा रहा है. ये दोनों मामले सोशल मीडिया की वजह से सुर्खियों में आए. इन मामलों ने देशभर में वर्क कल्चर और वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर बहस छेड़ दी है.
अब सोशल मीडिया के जरिए ही एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां कर्मचारी ने ज्वॉइनिंग वाले दिन ही अपने बॉस की बातें सुनकर नौकरी छोड़ दी. वह समझ गया था कि यहां वर्क कल्चर ठीक नहीं है. इस नौकरी से उसकी जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो जाएगी.
ज्यादा काम करना पड़ेगा और कोई ओवर टाइम भी नहीं मिलेगा
दरअसल, श्रेयस नाम के इस शख्स ने अपनी दास्तान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर लिखी है. उन्होंने एसोसिएट प्रोडक्ट डिजाइनर के तौर पर 7 लाख रुपये साल के पैकेज में नौकरी शुरू की थी. वह पहले दिन ऑफिस पहुंचा तो उसकी मुलाकात अपने रिपोर्टिंग मैनेजर से हुई. उसने बताया कि यहां ऑफिस के घंटों से ज्यादा काम करना पड़ेगा और कोई ओवर टाइम भी नहीं मिलेगा. उसने कहा कि वर्क लाइफ बैलेंस नाम की कोई चीज नहीं होती. यह पश्चिमी सभ्यता है. इसे विकसित देशों ने बढ़ावा दिया है.
वर्क लाइफ बैलेंस की बात की तो बॉस ने उड़ाया मजाक
श्रेयस ने अपनी पोस्ट में लिखा कि जब मैंने वर्क लाइफ बैलेंस की बात की तो उन्होंने मेरा मजाक उड़ाया. मैंने अपने बॉस से कहा कि मुझे पढ़ने और व्यायाम करने के लिए समय चाहिए तो उन्होंने इसकी भी खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि यह काम न करने के बहाने हैं. उन्होंने लिखा कि कंपनी की इस तरह की वर्क पॉलिसी अतार्किक, अमानवीय और विचारशून्य थी. मुझे कभी-कभी देर तक काम करने में कोई दिक्कत नहीं है. मगर, जिस तरह के विचार और व्यवहार उन्होंने किया, यह मेरी समझ से परे था.
तुरंत दे दिया इस्तीफा, जमकर की जा रही उनकी तारीफ
उन्होंने इस्तीफे में लिखा कि आपको काम के बाद मेरी निजी जिंदगी से तकलीफ है. अगर मैं ऑफिस खत्म होने के बाद व्यायाम करता हूं, फैमिली के साथ समय गुजारना चाहता हूं और किताबें पढ़ना चाहता हूं तो आपको तकलीफ नहीं होनी चाहिए. यह प्रोफेशनल व्यवहार नहीं है. अगर आप अतिरिक्त काम कराना चाहते हैं तो उसके पैसे देने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. अंत में उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि आशा करता हूं कि आपको कोई मिल जाए, जो ऐसी उम्मीदों पर खरा उतरे. बॉस ने इस इस्तीफे पर जवाब दिया कि मैंने आपसे कुछ सबक सीखे हैं. इसके लिए आपको धन्यवाद और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं. साथ ही आपको एक दिन की सैलरी मिल जाएगी. रेडिट पर श्रेयस की जमकर तारीफ की जा रही है.
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