अर्थव्यवस्था: मैन्यूफैक्चरिंग में आई रफ्तार, PMI 8 साल के टॉप पर पहुंचा
नए ऑर्डर और उत्पादन में बढ़ोतरी से सितंबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का परचेजिंग मैनेजर्स इंडकेस यानी PMI 56.8 पर पहुंच गया, जबकि अगस्त में यह 52 पर था.
मैन्यूफैक्चरिंग में रिकवरी के संकेत मिलने लगे हैं. इस सेक्टर में बढ़ रही आर्थिक गतिविधियों का असर दिखने लगा है. सितंबर में परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स यानी PMI 56.8 पर पहुंच गया. यह आठ साल का उच्चतम स्तर है. अगस्त में पीएमआई 52 पर था. 50 से ऊपर पीएमआई मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधि में सक्रियता को दिखाता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर इसमें सुस्ती को जाहिर करता है.
पीएमआई में अच्छी बढ़त
नए ऑर्डर और उत्पादन में बढ़ोतरी से सितंबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का परचेजिंग मैनेजर्स इंडकेस यानी PMI 56.8 पर पहुंच गया, जबकि अगस्त में यह 52 पर था. जनवरी 2012 के बाद मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का यह सबसे ऊंचा स्तर होता है. दरअसल सितंबर सामानों की ट्रांसपोर्टिंग का असर पीएमआई पर काफी होता है. इस महीने ई-वे बिल जेनरेशन भी काफी बढ़ गया है. इससे संकेत मिल रहे हैं देश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधि बढ़ रही है. दरअसल देश के कई हिस्सों में अब लॉकडाउन खत्म कर दिए जाने से फैक्टरियों में उत्पादन ने रफ्तार पकड़ लिया है. पीएमआई का ऊंचा स्कोर इसी का नतीजा है. उम्मीद है कि सरकार इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का दूसरा राहत पैकेज जारी कर सकता है. इससे भी मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है.
जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ा
इस बीच, जीएसटी कलेक्शन में भी इजाफा दर्ज किया गया है. सितंबर में गु्ड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन बढ़ कर 95,480 करोड़ रुपये हो गया. यह पिछले साल के सितंबर के महीने के जीएसटी कलेक्शन से चार फीसदी अधिक है. अगस्त में जीएसटी कलेक्शन 86,449 करोड़ रुपये है. जीएसटी कलेक्शन बढ़ने से यह संकेत मिल रहे हैं कि लोगों ने जरूरी चीजों के अलावा दूसरी चीजों की भी खरीदारी शुरू कर दी है.
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