मैन्यूफैक्चरिंग में लगातार बढ़ोतरी लेकिन रोजगार में गिरावट ने बढ़ाई चिंता
पिछले साल अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद साल के अंत में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियो में इजाफा दर्ज किया गया है. दिसंबर महीने में मैन्यूफैक्चरर प्रोडक्शन पर जोर देते दिखे. इस वजह से मैन्यूफैक्चरिंग में इजाफा दर्ज हुआ है. हालांकि रोजगार में गिरावट दर्ज की गई.
मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ने के बावजूद रोजगार में गिरावट चिंता
दिसंबर में आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 56.4 पर रहा. नवंबर में यह 56.3 . 50 से ज्यादा अंक मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में इजाफा को बताता है. यह लगातार पांचवां महीना था,जब मैन्यूफैक्चरिंग इंडेक्स में इजाफा दर्ज किया गया. हालांकि आईएचएस मार्किट इंडिया के सर्वे में रोजगार पर चिंता जताई गई है. सर्वे 4 से 7 दिसंबर के बीच कराया गया था. इसके मुताबिक नवंबर 2020 में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में इजाफा दर्ज हुआ था. दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को हल्का करने का फायदा मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को मिल रहा है.
रोजगार नहीं बढ़ा तो मांग में आएगी गिरावट
सर्वे में बताया गया मैन्यूफैक्चरिंग में बढ़ोतरी के बावजूद रोजगार में कमी आई है. इस तरह लगातार नौवें महीने रोजगार में कमी दिख रही थी. कंपनियों का कहना था कि सरकार की ओर से कर्मचारियों को सिर्फ शिफ्ट में काम कराने के निर्देश की वजह से ज्यादा कामगारों को प्रोडक्शन में लगाने में दिक्कत आ रही है.
रोजगार पर इसी का असर दिख रहा है. वैसे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार तीसरी तिमाही में बढ़ोतरी दिख रही है. दिसंबर में तीन महीने का औसत पीएमआई 57.2 था. रोजगार न बढ़ना, अर्थव्यवस्था में सरकार की ओर से दिए जा रहे राहत पैकेज के असर को खत्म कर सकता है. सरकार अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाना चाहती है लेकिन रोजगार में इजाफा न होने से मांग बढ़ना मुश्किल है.