PMI Index in March: मार्च के महीने में विनिर्माण गतिविधियों में नरमी देखने को मिली है. PMI इंडेक्स मार्च के महीने में घटकर 54.0 पर आ गया है. वहीं, फरवरी महीने में यह 54.9 पर था. इस दौरान मुद्रास्फीति की चिंताओं के चलते कारोबारियों का भरोसा कम होने से कंपनियों के नए ऑर्डर और उत्पादन की रफ्तार कम हुई.
सितंबर के बाद सबसे कमजोर रही ग्रोथ
आपको बता दें एक मंथली सर्वे में बताया गया है कि मार्च के महीने में विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार कम हुी है. एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) मार्च में 54.0 पर आ गया. मार्च के आंकड़े उत्पादन और बिक्री में सितंबर 2021 के बाद से सबसे कमजोर ग्रोथ को दर्शाते हैं.
50 से ज्यादा होने का मतलब है विस्तार
बता दें लगातार नौ महीनों से कुल परिचालन दशाओं में सुधार का रुख जारी है. पीएमआई की भाषा में 50 से अधिक अंक का अर्थ विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है.
जानें क्या है अर्थशास्त्रियों की राय
एसएंडपी ग्लोबल की अर्थशात्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि कि वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि कमजोर हुई है और कंपनियों ने नए ऑर्डर तथा उत्पादन में नरमी की बात कही है. इस दौरान रासायन, ऊर्जा, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और धातु जैसे क्षेत्रों में कच्चे माल की लागत बढ़ी.
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