Manufacturing PMI: देश में विनिर्माण की रफ्तार तेज, मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई मई के मुकाबले हल्की गिरकर 57.8 रही
Manufacturing PMI: जून में आर्थिक विनिर्माण गतिविधियां तेज रही हैं, हालांकि मई के मुकाबले इस दौरान मामूली गिरावट रही पर लगातार 2 साल से 50 के ऊपर का आंकड़ा संतोषजनक कहा जा सकता है.
Manufacturing Purchasing Managers' Index: देश में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियां अच्छी रफ्तार से चल रही हैं और जून का मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का आंकड़ा इसका सबूत है. इस साल जून के महीने में अभी तक का दूसरा सबसे अच्छा मैन्यूफैक्चरिंग यानी विनिर्माण का आंकड़ा आया है. एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) के एक हालिया सर्वे के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई (PMI) का आंकड़ा जून में 57.8 पर आया है जो इससे पिछले महीने मई के मुकाबले मामूली कम है.
कितना रहा था मई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई
मई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का आंकड़ा 58.7 पर रहा था जो कि लगातार 2 साल से 50 के ऊपर के आंकड़े को दिखा रहा है. जून में भी ये मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई डेटा 50 से ऊपर रहा है जो कि 2 साल से ज्यादा की तेजी को बरकरार रखे हुए है.
जून में मामूली गिरावट का क्या रहा कारण
ऊंचे महंगाई दर के दबाव के बावजूद अच्छी डिमांड के कारण जून में आर्थिक विनिर्माण गतिविधियां तेज रही हैं. हालांकि डेटा दिखाता है कि मई में इससे कुछ बेहतर स्थिति रही थी. देश में आउटपुट ग्रोथ अच्छी रहने से इस बात का भी संकेत मिलता है कि रोजगार के मोर्चे पर स्थिति बेहतर रहेगी. इंडस्ट्रियल डिमांड और आउटपुट के अच्छे संतुलन का भी ये एक इंडीकेटर है.
क्या है मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई?
मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई की संख्या 50 से ज्यादा आने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती है और विनिर्माण गतिविधियों की रफ्तार अच्छी है. वहीं अगर 50 से नीचे रहती है तो इसका मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस की इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलिएना डी लीमा (Pollyanna De Lima) ने कहा कि ये आंकड़ा दिखाता है कि भारत में बन रही वस्तुओं की अच्छी मांग का सिलसिला जारी है. ये घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों के लिए लागू हो रहा है. पॉजिटिव क्लाइंट सपोर्ट के दम पर मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री को मजबूती मिली है.
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