BSE Market Cap: निवेशकों की संपत्ति में बड़ा उछाल, BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 292 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर
Investors Wealth Rises: मार्च 2023 के बाद से 3 महीने में निवेशकों की संपत्ति में 37 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा हुआ है.
BSE Market Cap: भारतीय शेयर बाजार के लिए 15 जून 2023 का दिन बेहद खास है. बाजार में तेजी की बदौलत बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 291.89 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा. इससे पहले बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 14 दिसंबर को 291.30 लाख करोड़ रुपये को छूआ था जो कि अब तक का हाई था.
20 मार्च 2023 के बाद से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में निवेश बढ़ाना चालू किया और उसका नतीजा ये रहा कि पिछले तीन महीने से बाजार लगातार ऊपर की ओर जा रहा है. तीन महीनों में शेयर बाजार के निवेशकों की संपत्ति में बंपर उछाल देखने को मिला है. निवेशकों ने इस अवधि में 37 लाख करोड़ रुपये के करीब संपत्ति जोड़ा है.
20 मार्च 2023 को बीएसई सेंसेक्स 57,000 के लेवल तक जा लुढ़का था तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी घटकर 16,828 के लेवल तक नीचे गिर गया था. इन स्तरों से सेंसेक्स में 6,000 तो निफ्टी में 1900 अंकों से ज्यादा का उछाल आ चुका है. यानि दोनों ही इंडेक्स में पिछले तीन महीने में 10 फीसदी का उछाल आ चुका है. विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी के चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन जो 20 मार्च 2023 को घटकर 255.64 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका था. वो अब बढ़कर 291.89 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर जा पहुंचा है. यानि इस अवधि में बाजार में निवेशित निवेशकों की संपत्ति में 36.25 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.
बाजार में विदेशी निवेशकों का सबसे बड़ा सहारा मिला है. तो मार्च के बाद अप्रैल और फिर मई महीने में खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में गिरावट के चलते बाजार में तेजी है. आरबीआई की अप्रैल और जून में दो मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक हुई जिसमें ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. अब फेड रिजर्व ने भी 15 महीनों में पहली बार कर्ज महंगा नहीं किया है. इसी अवधि में 2022-23 के लिए जीडीपी के आंकड़े अनुमान से बेहतर 7.2 फीसदी पर आया है. कच्चे तेल के दामों में भी गिरावट आई है. इस सब बातों का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा है जिसके चलते ये तेजी आई है जिसका फायदा निवेशकों को हुआ है.
ये भी पढ़ें
Inflation Data: थोक - खुदरा महंगाई दर में आई गिरावट, पर नहीं मिली महंगे गेहूं, चावल और दाल से राहत!